चिंतन शिविर में कांग्रेस ने निकाला टिकट वितरण का नया फॉर्मूला, जानें कैसे मिलेगा पद
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1183088

चिंतन शिविर में कांग्रेस ने निकाला टिकट वितरण का नया फॉर्मूला, जानें कैसे मिलेगा पद

माकन ने कहा कि पार्टी में लगातार किसी को 5 साल के बाद पद नहीं दिया जाए. कम से कम 3 साल का कूलिंग पीरियड रहे. तीन साल के गैप के बाद ही आगे कोई पद दिया जाए, यह भी सिफारिश की है. कोई व्यक्ति लगातार पांच साल के बाद पद पर रह जाता है तो वह तीन साल का गैप लेने के बाद ही अगला पद ले सकेगा.

चिंतन शिविर में कांग्रेस ने निकाला टिकट वितरण का नया फॉर्मूला, जानें कैसे मिलेगा पद

Jaipur: कांग्रेस में अब अगले चुनावों से टिकटों को लेकर पार्टी बड़े स्तर पर बदलाव की तैयारी कर रही है. अब एक परिवार से केवल एक ही टिकट मिलेगा. चिंतन शिविर में संगठन में बदलाव और राजनीतिक मामलों पर बने पैनल ने य​ह सिफारिश की है. 

कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी महासचिव अजय माकन ने उदयपुर में मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारे पैनल में यह चर्चा हुई है. एक परिवार से एक पद के फॉर्मूले को लागू किया जाए. इसके तहत अब पार्टी में एक परिवार से एक ही व्यक्ति को ही टिकट देने पर चर्चा हुई है. जिसे भी टिकट दिया जाए, उसने कम से कम 5 साल पार्टी में काम किया हो. सीधे टिकट नहीं दिया जाए. नए आने वालों को टिकट नहीं मिलेगा.

यह भी पढ़ें- Congress Chintan Shivir 2022: यहां पढ़ें कांग्रेस के चिंतन शिविर का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम, 422 नेता 3 दिन तक करेंगे मंथन

माकन ने कहा कि पार्टी में लगातार किसी को 5 साल के बाद पद नहीं दिया जाए. कम से कम 3 साल का कूलिंग पीरियड रहे. तीन साल के गैप के बाद ही आगे कोई पद दिया जाए, यह भी सिफारिश की है. कोई व्यक्ति लगातार पांच साल के बाद पद पर रह जाता है तो वह तीन साल का गैप लेने के बाद ही अगला पद ले सकेगा.

एक व्यक्ति एक परिवार से टिकट का नियम बनाकर पुराने नेताओं के लिए गली निकाली. कांग्रेस ने एक एक परिवार एक टिकट का फार्मूला लागू करने की सिफारिश की है लेकिन बड़े सियासी परिवारों के लिए गली भी छोड़ दी है. अगर पंउच साल से एक्टिव है तो एक परिवार से दूसरा टिकट भी दिया जा सकता है लेकिन नए को टिकट नहीं मिलेगा.

गांधी परिवार पर लागू नहीं होगा प्रावधान
जब माकन से गांधी परिवार पर यह प्रावधान लागू होने के बारे में पूछा तो कहा कि यह सवाल गांधी परिवार का नहीं है. कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव संगठन चुनाव की प्रक्रिया से होगा. चिंतन शिविर से कांग्रेस अध्यक्ष के चयन का कोई संबंध नहीं है. अजय माकन ने इस तरह के संकेत भी दिए कि गांधी परिवार पर एक परिवार एक टिकट का प्रावधान शायद ही लागू हो.

पैराशूटर्स को टिकट नहीं
कांग्रेस में बदलावों की सिफारिशों के हिसाब से अब पैराशूट उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने की सिफारिश की गई है. कांग्रेस में बड़ी संख्या में पैराशूटी उम्मीदवार उतारे जाते रहे हैं. पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी ऐसा हो चुका है.

सीएम गहलोत से लेकर मंत्रियों और नेताओं तक के परिवारों से एक से ज्यादा टिकट
कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर कई मंत्रियों और नेताओं के परिवारों से एक से ज्यादा टिकट दिए जाते रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को लोकसभा चुनाव में जोधपुर से ​टिकट दिया गया था. मंत्री महेंद्र जीत मालवीय की पत्नी रेशम मालवीय को बांसवाउ़ा जिला प्रमुख बनाया गया. कांग्रेस में राजनीतिक परिवारों की लंबी कतार है, जिन्हें बार बार टिकट मिला है. खान मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी बारां जिला प्रमुख हैं. मंत्री जाहिदा खान की बेटी प्रधान है. मंत्री गोविंदराम मेघवाल की बेटी, पुत्रवधू को भी प्रधान का टिकट दिया है. इसके अलावा दर्जन भर विधायकों के परिवारों से नगरपालिका अध्यक्ष, प्रधान के टिकट दिए गए थे.

पिछले विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने की थी पैराशूटर्स को टिकट नहीं देने की घोषणा, लेकिन आधे घंटे पहले पार्टी में शामिल कर टिकट दिए गए. कांग्रेस में पैराशूटर्स उम्मीदवारों को टिकट देने का पुराना ट्रेंड रहा है. पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान बांसवाड़ा की सभा में राहुल गांधी ने कहा था कि इस बार पैराशूटर्स की रस्सी आसमान से ही काट दी जाएगी. राहुल गांधी ने 2018 के विधानसभा चुनावें से पहले ही पैराशूटर्स उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने की घोषणा की लेकिन दो महीने बाद ही इस पर यू टर्न ले लिया था. विधानसभा चुनावों में आधे घंटे पहले कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैयालाल झंवर को टिकट दिया गया. बीजेपी के तत्कलीन सासंद हरीश मीणा को भी टिकट दिया गया. दर्जन भर सीटों पर पैराशूटी उम्मीदार उतारे गए थे.

दोनों प्रावधान लागू हुए तो कई सिायासी परिवार और नेता बाहर होंगे
कांग्रेस में 5 साल लगातार पद नहीं रहने का नियम लागू होने पर आधे से ज्यदा नेता बाहर हो जांगे. नेताओं के बेटों को भी पांच साल पार्टी में काम करने के बाद ही टिकट मिलेगा.

 

Trending news