राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस आज, राजस्थान का भिवाड़ी देश के टॉप 14 दूषित शहरों में शामिल
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1039021

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस आज, राजस्थान का भिवाड़ी देश के टॉप 14 दूषित शहरों में शामिल

दो दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाना है.

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस आज

Jaipur: दो दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाना है. 2 दिसंबर, 1984 को भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड कंपनी से एलआईसी या मिक गैस का रिसाव हुआ. इस जहरीली गैस की चपेट में आकर हजारों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे थे. गैस त्रासदी में अपनी जान गंवाने वाले लोगों के सम्मान में यह दिवस (National Pollution Control Day) मनाया जाता है. इसका मकसद पानी, हवा, मिट्टी के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण को भी फैलने से रोकना है, इसका उद्देश्य लोगों को जागरुक करना है ताकि प्रदूषण पर लगाम लग सके. विदेशों के साथ ही भारत के बड़े-बड़े शहरों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है. अब लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. भिवाड़ी (Bhiwadi) सहित अन्य जगहों पर प्रदूषण की रोकथाम के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) भी अब सख्त होता हुआ दिख रहा है.

जयपुर की बात की जाए तो बीते एक महीने में दिवाली के बाद से आबोहवा पूरी तरह से बिगड़ी हुई नजर आई. यहां औसत प्रदूषण का आंकड़ा 260 के पार दर्ज किया. वहीं, भिवाड़ी का आंकड़ा 400 एक्यूआई के पार दर्ज किया गया. राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस से पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक डाटा जारी किया है. जिसमें यह उल्लेख किया है कि देश की राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बीते सात साल में इस साल नवंबर के महीने में खराब श्रेणी में दर्ज की गई. वर्ष 2020 के सर्वेक्षण के अनुसार दुनिया की शीर्ष 14 सबसे प्रदूषित शहरों में 13 भारत के हैं. एक सर्वे के मुताबिक देश में होने वाली कुल मौतों का 12.5 प्रतिशत कारण वायु प्रदूषण है. बुधवार को भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 से ऊपर रिकॉर्ड किया गया.

राजस्थान की बात की जाए तो वायु प्रदूषण के लिहाज से राजस्थान बेहतर स्थिति में है. हालांकि ​भिवाड़ी देश के टॉप 14 दूषित शहरों में शुमार है. यहां औद्योगिक इकाइयों के साथ ही अन्य कारक वायु प्रदूषण को बढ़ाने की मुख्य वजह है. राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल राज्य प्रदूषण निंयत्रण मंडल के सदस्य सचिव आनंद मोहन ने बताया कि राजस्थान में अन्य राज्यों की तुलना में वायु प्रदूषण ​की स्थिति काफी हद तक अच्छी है. एनसीआर यानि राजस्थान, यूपी, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली की बात की जाए तो इनसे राजस्थान सबसे बेहतर स्थिति में है. वायु प्रदूषण बढ़ने के चार मुख्य घटक हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिहाज से काफी हानिकारक माने गए हैं.

यह भी पढ़ें - दो दिनों तक राजस्थान में रहेगा पश्चिमी विक्षोभ का असर, भारी बारिश की चेतावनी

राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों ने कहा कि ई—वेस्ट को रिसाइकिल नहीं किया गया तो पर्यावरण को काफी नुकसान होगा. आगामी दिनों में सर्किंट बनाकर ज्यादा से ज्यादा शहरों से ईवेस्ट एकत्रित किया जाएगा. जयपुर समेत भीलवाड़ा, जोधपुर, अलवर और भिवाड़ी में औद्योगिक इकाईयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, बिजनेस मॉल, शॉपिंग मार्केट, कालोनियों आदि से ई-वेस्ट एकत्र किया. कुल 66.257 किलोग्राम (66.2 मैट्रिक टन) ई-वेस्ट एकत्र हुआ. उपभोक्ताओं को ई-वेस्ट के बदले 20 लाख रूपये से अधिक की राशि भी दी. वहीं, पहले चरण में 11 मैट्रिक टन ईवेस्ट एकत्र हुआ.

लैन्सेट के एक शोध के मुताबिक वर्ष 2019 में प्रदेश में कुल मौतों में से 21 प्रतिशत वायु प्रदूषण के कारण हुई. देशभर के लिए मौतों का यह औसत 18 प्रतिशत है. मुख्य रूप से ठोस कचरे से फैलने वाले प्रदूषण और जल प्रदूषण के मुकाबले वायु प्रदूषण अधिक हानिकारक है.

राजस्थान में अलवर जिले के भिवाड़ी में उद्योगों और सीवरेज का पानी बिना ट्रीट किए हरियाणा में छोड़ने को लेकर एनजीटी ने हाल सख्त रुख अपनाया है. एनजीटी ने राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन (रीको) के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कामन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीइटीपी) पर जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) नहीं लगाने पर नाराजगी जताते हुए रीको और स्वायत्त शासन विभाग को करीब 31 करोड़ का पर्यावरणीय मुआवजा केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड में जमा कराने के निर्देश दिए हैं.

Trending news