25 मई से शुरू हो रहा नौतपा, एक बार फिर राजस्थान में गर्मी का पारा होगा हाई, श्रेष्ठ बारिश के बन रहे हैं योग
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25 मई से शुरू हो रहा नौतपा, एक बार फिर राजस्थान में गर्मी का पारा होगा हाई, श्रेष्ठ बारिश के बन रहे हैं योग

भले ही जयपुर इट्स को बारिश होने से गर्मी से राहत मिली हो लेकिन कल से गर्मी का पारा हाई होगा. नौतपा कल से शुरू होगा. ऐसे में धरती पर सूर्य की किरणें ज्यादा समय तक रहेंगी. जिससे और गर्मी बढ़ेगी. इससे उमस और तीखी गर्मी दोनों रहेंगी. 

 

फाइल फोटो.

जयपुरः राजधानी में सोमवार को हुई बारिश से भले ही शहरवासियों को गर्मी से राहत मिली हो. लेकिन कल दोपहर 2.52 बजे सूर्यदेव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही नौतपा शुरू होने से फिर से तेज गर्मी पड़ेगी. ज्योतिषविदों के मुताबिक वर्षा का आंकलन नौतपा के साथ-साथ रोहिणी के निवास से देखा जाता है. इस बार समुद्र का निवास समुद्र में और संवत का वास माली के घर होगा. इसका वाहन भैंसा होने से इस बार पूरे मानसून सीजन में श्रेष्ठ बारिश के योग बन रहे हैं. विनोद शास्त्री, ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नौतपा दो जून तक रहेगा. इस बीच 29 मई से दो जून की अवधि में सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर पड़ेगी. जिससे गर्मी पूरे तेवर दिखाएगी. 

गर्मी का यह असर 5 जून तक देखा जा सकता है. फिर 6 से 8 जून तक तेज हवाएं चलने के योग हैं. सूर्य देव आठ जून तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे. ज्योतिषशास्त्रियों की मानें तो नौतपा का सीधा संबंध मानसून में पड़ने वाली बारिश से होता है. बारिश भी उतनी ही अच्छी होगी. ज्यादा गर्मी पड़ने से मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बन जाता है, जिससे समुद्र की लहरें आकर्षित होती हैं. इससे अच्छी बारिश की संभावना होती है. नौतपा के दौरान बारिश होना शुभ नहीं माना जाता हैं. रोहिणी के दौर में बारिश से मानसून भी खंडित हो जाता है.

पुरूषोत्तम गौड, ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नौतपा के शुरुआती नौ दिनों में तेज गर्मी पड़ने पर अच्छी बारिश की संभावना रहती है. बीते तीन सालों में वर्षाकाल में सिंह का शुक्र बीच में आ रहा था. इस बार यह वर्षा के अंतिम दौर यानि सितंबर में आने से श्रेष्ठ वर्षा के योग बन रहे हैं. पिछले तीन वर्ष में प्रदेश में नौतपा के आखिरी दिनों में बारिश होने से रोहिणी गल रही थी. इस बार शुरुआत में ही रोहिणी के गलने से प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश के योग बनेंगे.

शुरू के तीन दिन रोहिणी बादल वर्षा से प्रभावित हो सकती है. इसके बाद रोहिणी तपने लगेगी. सामान्य तौर पर आषाढ मास वर्षा का प्रांरभिक माना जाता है जो इस बार सामान्य रहकर जुलाई मध्य से अच्छी मानसून की बारिश आमजन के साथ ही अन्नदाताओं के लिए वरदान साबित होगी. ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक सूर्य 12 राशियों और 27 नक्षत्रों में प्रवेश करता है. सूर्य कुंडली में जिस भी ग्रह के साथ बैठता है उसके प्रभाव को खत्म कर देता है. 

रोहिणी नक्षत्र का अधिपति चंद्रमा होता है, ऐसे में सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो वह चंद्रमा की शीतलता को खत्म कर देता है. सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिन तक रहता है. लेकिन शुरूआत के 9 दिन तक सूर्य की किरणें सीधे 90 डिग्री का कोण बनाते हुए जमीन पर आती हैं. इसी कारण गर्मी अपना प्रचंड रूप धारण कर लेती है. वैसे तो नौतपा गृहों के प्रवेश की तारीख पर निर्भर करता है. लेकिन अमूमन 25 मई से ही नौतपा शुरू होता है. इस बार भी 25 मई से ही नौतपा शुरू होगा और 2 जून तक अपना रौद्र रूप दिखाएगा.

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बहरहाल, नौतपा के बीच 29 मई से एक जून तक वृष राशि में सूर्य के साथ चन्द्रमा रहेगा. इस अवधि में गर्मी अपने तेवर दिखाएगी तथा 5 जून तक तेज गर्मी पड़ेगी.6 से 8 जून तक चन्द्रमा सिंह राशि में रहेगा. ऐसे में इन तीन दिनों में तेज हवा चलेगी व गर्मी से राहत मिलेगी. मेष राशि में राहु, शुक्र ग्रह की युति और वृषभ राशि में सूर्य बुध ग्रह की युति, मीन राशि में मंगल, चंद्र, बृहस्पति की युति रहेगी.

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