दरअसल 2011 में दक्षिणी रिंग रोड का काम शुरू हुआ. 2019 में इस पर वाहनों का संचालन शुरू हो गया.
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Jaipur: उत्तरी रिंग रोड (आगरा रोड से दिल्ली रोड तक) का प्रोजेक्ट 11 महीने बीत जाने के बाद भी फाइलों से बाहर नहीं निकल पाया है. जनवरी महीने में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) के आवास पर हुई बैठक में जमीन अवाप्ति (land acquisition) को लेकर निर्माण कार्य की रूपरेखा तय कर ली गई थी लेकिन इसके बाद भी जेडीए (JDA) ने अब तक कोई भी काम शुरू नहीं किया है.
इतना ही नहीं दक्षिणी रिंग रोड (आगरा रोड से अजमेर रोड तक) पर क्लोअर लीफ (त्रिपनी मॉडल) के लिए जगह तक जेडीए नहीं ले पाया है. ऐसे में बिना क्लोवर लीफ के ही वाहनों का संचालन 1 वर्ष से हो रहा है. JDA जमीन उपलब्ध कराएगा उसके बाद ही एनएचएआई (NHAI) आगरा और अजमेर रोड पर क्लोवर लीफ बनाएगा. दरअसल 2011 में दक्षिणी रिंग रोड का काम शुरू हुआ. 2019 में इस पर वाहनों का संचालन शुरू हो गया.
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सिर्फ 46 किलोमीटर की रिंग रोड (Ring Road) पर ही वाहनों का संचालन हो रहा है. उत्तरी रिंग रोड अब तक धरातल पर नहीं उतरी है. हालांकि भारी वाहनों से शहर में बेवजह प्रवेश पर रोक लगाने के लिए 2003 में रिंग रोड बनाने पर चर्चा हुई थी. दक्षिणी रिंग रोड 46.4 किलोमीटर पर वाहनों की आवाजाही हो रही है. उत्तरी रिंग रोड 45 किलोमीटर का होगा इस पर 2800 करोड़ से अधिक खर्च होंगे.
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यह आगरा रोड से दिल्ली रोड अचरोल के पास तक जाएगी और यहां से c-zone बाईपास (200 फीट बाईपास) का उपयोग कर वाहनों को अजमेर रोड तक ले जाया जाएगा. हालांकि इस पर काम नहीं हो पाया है. जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त गौरव गोयल का कहना है कि राज्य सरकार (Rajasthan Government) ने उत्तरी रिंग रोड को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है. एनएचआई को राज्य सरकार की ओर से भी पत्र लिखा गया है. उम्मीद है कि जल्द ही वहां से प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल जाएगी. JDA और एनएचआई मिलकर काम करेंगे.