World News: 9 मई की हिंसा को रोकने में नाकाम होने पर पाकिस्तान सेना (Pakistan Army) ने एक लेफ्टिनेंट जनरल सहित तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है. आर्मी ने कहा कि ये अधिकारी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के समर्थकों के आगे कमजोर दिखे और आर्मी के ठिकानों और जिन्ना हाउस को भी नहीं बचा सके.
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World News: पाकिस्तान सेना (Pakistan Army) ने 9 मई के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की गिरफ्तारी के बाद हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सैन्य ठिकानों की सुरक्षा में चूक के लिए जिम्मेदार तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है. जिनमें एक लेफ्टिनेंट-जनरल भी शामिल हैं.
रिपोर्ट के अनुसार सेना ने कहा है कि 'सेल्फ अकाउंटबिलिटी प्रोसेस' के तहत कई उच्च-स्तरीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल अरशद शरीफ (Arshad Sharif) ने कहा कि सेना ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Tehreek-e-Insaf) के समर्थकों द्वारा आयोजित प्रदर्शनों पर दो जांचें कीं और कार्रवाई की गई है.
Imran Khan के पार्टी कार्यकर्ताओं ने की थी तोड़फोड़
9 मई को Imran Khan के पार्टी कार्यकर्ताओं ने 20 से अधिक सैन्य ठिकानों और सरकारी बिल्डियों को तबाह किया, जिनमें लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस (Lahore Corps Commander House), मियांवाली एयरबेस (Mianwali Airbase) और फैसलाबाद में ISI बिल्डिंग शामिल थे. रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) को भी इससे नुकसान हुआ था.
The ISPR just Announced that In a historic accountability case Pakistan Army has axed a Lieutenant General 3 Major Generals and 7 brigadiers for not being able to respond appropriately to attacks on Military installations on May 9. COAS Gen Asim Munir absolutely determined to… pic.twitter.com/gYAIT4Mlki
— Kamran Khan (@AajKamranKhan) June 26, 2023
सेना ने कहा "एक डेलिब्रेटेड अकाउंटबिलिटी प्रोसेस के बाद अदालती जांचों के अनुरोधों को ध्यान में रखते हुए जो गैरिसनों, सैन्य ठिकानों, जिन्ना हाउस और जनरल हेडक्वार्टर की सुरक्षा और मान सुरक्षित नहीं रख पाए, उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई. एक लेफ्टिनेंट-जनरल सहित तीन अधिकारियों को हटा दिया गया है और तीन मेजर जनरल और सात ब्रिगेडियर्स सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनिक कार्रवाई पूरी की गई है,"
पाकिस्तान आर्मी ने घटना को बताया साजिश
"9 मई के हिंसा में शामिल सभी लोग संविधान और कानून के तहत सजा पाएंगे," मेजर जनरल Arshad Sharif ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा " वो दिन अत्यंत निराशाजनक, निंदनीय और हमारे देश के इतिहास में एक काले अध्याय" के रूप में वर्णित किया. "9 मई की घटनाएं ने साबित कर दिया है कि शताब्दी के 76 साल में दुश्मनों ने जो कुछ नहीं कर सका, उसे एक दलालों की गिरफ्तारी ने कर दिया," अधिकारी ने कहा, उन्होंने इस घटना को "पाकिस्तान के खिलाफ एक साजिश" के रूप में वर्णित किया.