एसएसओ आईडी को हैक करने वाले डिजिटल ठगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
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एसएसओ आईडी को हैक करने वाले डिजिटल ठगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

डिजिटल ठगों ने तहसीलदार की एसएसओ आईडी को हैक करके फर्जी तरीके से जाति और मूल निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिए. 

डिजिटल ठगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Chomu: भारत डिजिटल की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. देश की तमाम सरकारी महकमों में अब डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होने लगा है. तमाम कामकाज ऑनलाइन (Online) होने लगे है और इसका फायदा भी देश की जनता को मिलता है कि समय पर काम पूरा हो जाता है लेकिन इसकी बड़ी खामी भी सामने आती है. अपर्याप्त सिक्योरिटी के अभाव में कोई भी डिजिटल ठग इनमें सेंधमारी भी कर देता है. करीब 1 साल पहले राजधानी जयपुर के चौमूं में भी ऐसा ही मामला सामने आया था. डिजिटल ठगों ने तहसीलदार की एसएसओ आईडी को हैक करके फर्जी तरीके से जाति और मूल निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिए. इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में हल्ला मच गया और तहसीलदार ने चौमूं पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया. 1 साल बीत जाने के बाद अब पुलिस इस कार्रवाई में आगे बढ़ी और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

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चौमूं पुलिस (Chomu Police) ने कार्रवाई करते हुए तहसीलदार की एसएसओ आईडी हैक कर फर्जी तरीके से मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र बनाने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. SHO हेमराज ने बताया कि चौमूं के तत्कालीन तहसीलदार विनोद पारीक ने चौमूं पुलिस थाने में 21 जुलाई 2020 को एक रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी. रिपोर्ट में बताया गया कि 24 जून 2020 की मध्य रात्रि में ऑफिशियल एसएसओ आईडी के पासवर्ड किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा परिवर्तित कर दिया और इसी के दौरान 26 जून 2020 के मध्य रात्रि में अज्ञात लोगों द्वारा एसएसओ आईडी हैक कर लिया. तहसीलदार ने सरकारी सूचनाओं का दुरुपयोग होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी. इस पर पुलिस ने एक टीम गठित कर साइबर सेल और तकनीकी मदद से इनपुट प्राप्त कर दो आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो आरोपियों ने चौमूं तहसीलदार की एसएसओ आईडी हैक करने की वारदात कबूली.

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इस पर पुलिस ने आरोपी मोहम्मद मुस्तकीस, मोहम्मद हसीन को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी आदर्श नगर जयपुर में यूनिक कंप्यूटर ई-मित्र की दुकान चलाते है और जो पूर्व में भी इस प्रकार के मामलें में जेल जा चुका है और यह ऑफिशियल एसएसओ आईडी हैक कर फर्जी तरीके से मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र बनाकर लोगों को देते है. पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है कि चौमूं तहसीलदार की एसएसओ आईडी हैक कर कितने फर्जी मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र बनाए गए है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि डिजिटल भारत में यह डिजिटल ठग भी तेजी से पनप रहे है. जरुरत इस बात कि है कि तमाम डिजिटल वेबसाइट को हाई सिक्योरिटी करना बेहद जरूरी हो गया है वरना इस तरह से ये ठग बेहद महत्वपूर्ण सूचनाओं को भी लीक कर सकते है.

Reporter- Pradeep Soni

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