भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया सहित भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने प्रेस वार्ता कर कहा जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में मुगलकालीन लोगों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
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Jaipur News: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल एक बार फिर विवादों में आ गया है. विवाद भारत पर आक्रमण करने वाले मुगल साम्राज्य पर है, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया सहित भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने प्रेस वार्ता कर कहा जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में मुगलकालीन लोगों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
इसी के तहत मुगल टेंट और दरबार हॉल का नाम रखा गया है. इस पर जेएलएफ के आयोजक संजोय रॉय ने कहा भाजपा द्वारा मुगल टेंट और दरबार हॉल को लेकर सवाल उठाया जाना उनकी निजी राय है. मुगल टेंट और दरबार हॉल का निर्माण उसी शैली में किया गया था जो कि डिग्गी पैलेस में निर्माणाधीन है, इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए इस बार भी मुगल और दरबार हॉल के नाम रखे गए हैं. वहीं संजोय रॉय ने कहा उनका राजनीति से कोई दूर-दूर तक का लेना देना नहीं है. आमजन में मुगल टेंट और दरबार हॉल की एक पहचान है इसे आगे भी जारी रखा जाएगा.
बता दें कि जेएलएफ में एक डोम का नाम मुगल टेंट रखने पर बीजेपी ने आपत्ति उठाई है. बीजेपी नेताओं ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिन मुगलों ने देश की संस्कृति पर हमला किया उनके नाम से टेंट नाम रखना गलत मानसिकता का परिचय है. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल वर्षों से आयोजित किया जा रहा है . यह पहली बार भी नहीं कि इस फेस्टिवल में एक हॉल का नाम मुगल टेंट भी रखा जाता है, लेकिन इस बार इसके मुगल नाम पर बीजेपी नेताओं को नागवार गुजरा है. बीजेपी नेताओं का मानना है कि मुगलों ने देश की संस्कृति पर हमला किया था. फिर भी आयोजकों ने हॉल का नाम मुगलों के नाम पर रखा है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में मुगलों के नाम से टेंट के नाम होने पर सवाल पूछा गया तो सतीश पूनिया ने बेबाकी से कहा कि यह सोच का फर्क है. यह आयोजकों की सोच है, डिग्गी हाउस में भी विवाद के कई प्रकरण होते आए हैं. मुगल टेंट के बजाय एपीजे अब्दुल कलाम नाम होता तो अच्छा होता, लेकिन यह उनकी सोच है.
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नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी मुगल काल के खिलाफ खुलकर बोले. उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्षों तक भारत को गुलाम बनाते हुए भारत की संस्कृति पर हमला करने वाले मुगल नाम की जगह अशफाक उल्ला खान या फिर अन्य किसी व्यक्ति विशेष पर महापुरुष के नाम पर टेंट का नाम होता तो अच्छा लगता. क्योंकि इस देश की जनता मुगल नाम को स्वीकार नहीं करती है.
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कई बार अलग-अलग कारणों से विवाद उत्पन्न हुए हैं. हालांकि हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण यह विवाद शांत भी हो गए. अब राज्य के प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी के नेताओं ने आपत्ति उठाई है.