विधानसभा में उठा सवाल तो हुआ 10 करोड़ का गबन करने वाले अधिकारी उम्मेद सिंह का निलंबन
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विधानसभा में उठा सवाल तो हुआ 10 करोड़ का गबन करने वाले अधिकारी उम्मेद सिंह का निलंबन

विधायक नरपत सिंह राजवी ने राजस्थान लेखा सेवा अधिकारियों के विरुद्ध अनियमितताओं का मामला विधानसभा में उठाया. राजवी ने मंत्री शांति धारीवाल से पूछा कि लेखा सेवा के अधिकारी उम्मेद सिंह पर कई गंभीर आरोप हैं. इसके बावजूद उन्हें संस्कृत विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार देते हुए परीक्षा नियंत्रक तक बना दिया गया. 

विधानसभा में उठा सवाल तो हुआ 10 करोड़ का गबन करने वाले अधिकारी उम्मेद सिंह का निलंबन

Jaipur: राजस्थान लेखा सेवा के अधिकारी उम्मेद सिंह को निलंबित कर दिया गया है. संस्कृत यूनिवर्सिटी में तैनात रहे उम्मेद सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हैं. एक मामले में तो 10 करोड से ज्यादा की रकम गबन का आरोप उम्मेद सिंह पर है, जिसकी जांच एसीबी में चल रही है. 

इतना सब होने पर भी अभी तक उम्मेद सिंह अपने पद पर बने हुए थे. विधानसभा में विधायक नरपत सिंह राजवी ने जैसे ही सवाल लगाया तो सरकार में हड़कंप मच गया और मंत्री शांति धारीवाल ने उम्मेद सिंह को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए.

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विधायक नरपत सिंह राजवी ने राजस्थान लेखा सेवा अधिकारियों के विरुद्ध अनियमितताओं का मामला विधानसभा में उठाया. राजवी ने मंत्री शांति धारीवाल से पूछा कि लेखा सेवा के अधिकारी उम्मेद सिंह पर कई गंभीर आरोप हैं. इसके बावजूद उन्हें संस्कृत विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार देते हुए परीक्षा नियंत्रक तक बना दिया गया. रजवी ने कहा भ्रष्टाचार के आरोपी को ऐसी जिम्मेदारी देने पर वहां नकल होगी, पेपर बिकेंगे तो सरकार क्या करेगी?

यह रहा मंत्री शांति धारीवाल का जवाब
जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि पिछले चार साल में लेखा सेवा के अधिकारियों द्वारा अनियमितताओं के 10 मामले सामने आए हैं. इनमें से 9 अधिकारियों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज है . विभागीय जांच के साथ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मामले विचाराधीन हैं. धारीवाल ने कहा की तीन प्रकरण अभियोजन स्वीकृति के लिए कार्मिक विभाग में भेजे गए हैं.

शांति धारीवाल ने उम्मेद सिंह के मामले पर कहा कि उम्मेद सिंह के खिलाफ तीन जांच चल रही है. 16 CCA की जांच भी चल रही है. जांच पूरी होने के बाद दोषी पाए जाने पर वसूली करेंगे और आगे की कार्रवाई होगी. धारीवाल ने कहा कि न्यायालय द्वारा दोषी ठहराने पर ही बर्खास्तगी की कार्रवाई होगी.

क्या बोले विधायक नरपत सिंह राजवी 
इस पर विधायक नरपत सिंह राजवी ने कहा कि यह सामान्य अपराध नहीं है. एमडी ने जब 'नॉट अलाउड' लिखा तो उम्मेद सिंह ने 'नॉट' को फ्ल्यूड लगाकर मिटा दिया और उसका अर्थ बदल दिया. ये पुलिस इंक्वायरी में साबित हो गया है. 

न्यायालय का फैसला आने के बाद गबन की वसूली भी की जाएगी
इस पर धारीवाल बोले कि एसीबी की जांच में भी आरोप साबित हो गए हैं मगर पूरी जांच प्रक्रिया में वक्त लगता है. चार-चार साल तफ्तीश में लग जाते हैं. मंत्री ने कहा कि पूरी जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगर न्यायालय उसे दोषी ठहरा देता है तो ही कार्यवाही होगी, तभी बर्खास्तगी होगी. न्यायालय का फैसला आने के बाद गबन की वसूली भी की जाएगी.

चार साल पहले दर्ज हुआ था मुकदमा
इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया बोले कि उम्मेद सिंह पर चार मुकदमे दर्ज हैं. एक मामले में तो 56 लाख के गबन का आरोप भी है. खाद्य एवं आपूर्ति निगम में महाप्रबंधक वित्त के पद पर रहते उसने यह गबन किया. बजाज नगर थाने में 4 साल पहले मुकदमा भी दर्ज हुआ. कटारिया ने पूछा कि सरकार इसके अभियोजन की स्वीकृति क्यों नहीं दे रही? इस वजह से ACB भी जांच में तेजी नहीं ला पा रही? है.

मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि, छप्पन लाख का नहीं पूरा गबन 10 करोड से ऊपर तक का है. धारीवाल ने कहा कि कल जब वह इस सवाल का उत्तर देने की तैयारी कर रहे थे, तब उन्हें इतने बड़े गबन के बारे में पता चला और उन्होंने तत्काल विभाग के अधिकारियों को निर्देश देकर उमेद सिंह को निलंबित कराया. मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सरकार ऐसे मामलों पर सख्ती से पेश आएगी.

 

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