बाघोली और पापड़ा से जा रहा कीमती पत्थर पुलिस और खनिज विभाग की सतर्कता की पोल खोल रहा है.
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Jhunjhunu: झुंझुनूं के उदयपुरवाटी से बड़ी खबर मिल रही है. पिछले सप्ताह सीकर की नीमकाथाना पुलिस द्वारा अवैध रूप से लाए गए कीमती आयरन स्टोन के ट्रोले जब्त करने के बाद उदयपुरवाटी के बाघोली रामनगर की काली पहाड़ी से आयरन स्टोन की तस्करी का मामला सामने आया था लेकिन इस मामले में और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे है. इससे पुलिस, खान विभाग और खनन माफियाओं की सांठ-गांठ से इंकार नहीं किया जा सकता.
वहीं, जानकारी में सामने आया है कि काली पहाड़ी में खनन 24 जुलाई से शुरू हो गया था, जिसके पांचवें दिन ही गांव के कृष्ण गोपाल ने खान विभाग को इसकी शिकायत कर दी थी लेकिन खान विभाग ने कार्रवाई नहीं की. साथ हीं, एक बार कार्रवाई करने आए भी तो मना करने के बावजूद खान विभाग के स्थानीय कार्मिकों को साथ लेकर आए, जिससे सूचना लीक हो गई और मौके पर कोई नहीं मिला. यही नहीं अवैध खनन करने वालों ने बिना कोई देरी किए हर दिन करीब 20 लाख रुपये का पत्थर गुजरात के रास्ते दुबई भेजते थे.
यह काम बड़े पैमाने पर हो रहा है
इस दौरान राजस्थान और गुजरात के 24 थाने बीच में आते थे. वहीं गुजरात बॉर्डर भी है लेकिन कहीं पर भी कोई रोक-टोक नहीं थी. गुजरात तक का यह वहीं रूट है, जो शराब तस्कर काम लेते है. अब यह रूट पत्थर तस्करों ने अपना लिया है. वहीं इस रूट से होते हुए पत्थर को कांडला बंदरगाह तक पहुंचाया जाता था. यानि झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी क्षेत्र से गुजरात के कांडला तक की करीब 950 किलोमीटर दूरी में तस्करों को कोई अड़चन नहीं आती. खनन माफिया क्रेशर गिट्टी के रवन्ना भीलवाड़ा से देकर ट्रेलरों से पत्थरों को गुजरात भेज रहे हैं. रास्ते में कोई जांच करने पर गिट्टी की बिल्टी दिखाकर ट्रेलर को गुजरात पहुंचा रहे हैं. यह काम बड़े पैमाने पर हो रहा है.
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इन थानों से होकर गुजरते थे वाहन
बाघोली और पापड़ा से जा रहा कीमती पत्थर पुलिस और खनिज विभाग की सतर्कता की पोल खोल रहा है. नीमकाथाना, थोई, अजीतगढ़, चौमूं, जयपुर, बगरू, दूदू, किशनगढ़, गैंगल, अजमेर, ब्यावर, बर, सोजत, पाली, सांडेराव, सुमेरपुर, शिवगंज, सिरोही, पालड़ीएम, रेवदर, मंडार, गुजरात बॉर्डर, डीसा, राघनपुर, वराइमा, सामखयाली, गांधी धाम और कांडला पोर्ट तक करीब 950 किमी लंबे रूट पर दो दर्जन से अधिक थाने और गुजरात बॉर्डर की चैकिंग पोस्ट है. इसके बावजूद यह अवैध खनन किया पत्थर आसानी से पोर्ट तक पहुंच जाता है क्योंकि खनन माफिया की सब जगह सेटिंग है. ट्रेलर के रवाना होते ही उसके नंबर थानों में पहुंच जाते हैं। गाड़ी नंबरों के आधार पर गाड़ी को आसानी से निकाला जा सकता है.
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दुबई जाता है पत्थर
आयरन की बढ़ती डिमांड और सप्लाई की कमी से इलाके में लौह अयस्क का अवैध कारोबार तेजी से फैल गया. नीमकाथाना और आस-पास लौह अयस्क के भंडार हैं. इसी का फायदा उठाकर तस्करों ने अवैध खनन का बड़ा नेटवर्क जमा लिया. नीमकाथाना और उदयपुरवाटी से बड़े पैमाने पर लौह अयस्क का अवैध खनन कर इसे ट्रेलरों में भरकर गुजरात पहुंचाया जाता है. कांडला पोर्ट से यह दुबई भेजा जाता है. कुछ पत्थर गुजरात में नानी चिरई की फैक्ट्री में यूज होता है. यहां लोहे के पाइप बनाए जाते हैं.
50 हजार रुपये किराया एक ट्रेलर का देते हैं माफिया
बाघोली से गुजरात कांडला पोर्ट तक इस कीमती पत्थरों को ट्रेलर में भरकर पहुंचाने का किराया. करीब 50 हजार रुपये होता है. एक ट्रेलर में साढ़े 34 टन पत्थर भरकर ले जाया जाता है. इसको गांधीधाम तक ले जाने के लिए 49 हजार 500 रुपये किराया लिया जाता है.
खनन की पूरी कहानी
— रामनगर की काली पहाड़ी में 41 दिन अवैध खनन हुआ
— 24 जुलाई से 3 सितंबर तक 20 हजार टन लोह अयस्क निकाला
— 7 से 8 करोड़ रुपये कीमत है इसकी
— 400 से 500 टन रोज निकाला
— 8 से 10 ट्रेलर रोज गुजरात गए
— 50 से 60 टन माल एक ट्रेलर में
— खनन पापड़ा-बाघोली पहाड़ी में करते और रवन्ना भीलवाड़ा की लीज से लेते
— तिरपाल के कलर का होता था कोड, ताकि कोई टोके नहीं
— 1300 रुपये टन में खरीदकर 5 हजार में बेचते थे माफिया
Reporter- Sandeep Kedia