सामाजिक न्याय अधिकारिता सचिव ने कोरोना में मृत व्यक्तियों और उन पर आश्रित 18 वर्ष की उम्र तक की बच्चों की अनुमानित संख्या भिजवाने के निर्देश दिए हैं.
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Jaipur: राज्य सरकार प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों का पता लगा रही है. राज्य के सामाजिक न्याय अधिकारिता सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों से कोरोना के दौरान मारे गए व्यक्तियों और उन पर आश्रित बच्चों की संख्या मांगी है. सामाजिक न्याय अधिकारिता सचिव ने इस सर्वे के लिए परफॉर्मा भी जारी किया है.
सामाजिक न्याय अधिकारिता सचिव डॉ समित शर्मा की ओर से सभी जिला कलेक्टरों को आदेश जारी किए गए है. आदेशों में कहा गया है कि प्रदेश में कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर में करीब 8000 से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हुई है. कई बच्चें ना केवल अनाथ हुए, बल्कि कुछ परिवारों के मुख्य कमाऊ सदस्य की मौत हो गई. मुखिया की मृत्यु के कारण परिवार के जीवनयापन पर भी हुआ खतरा उत्पन्न हुआ है.
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18 वर्ष तक के अनाथ हुए बच्चों की संख्या मांगी
सामाजिक न्याय अधिकारिता सचिव ने कोरोना में मृत व्यक्तियों और उन पर आश्रित 18 वर्ष की उम्र तक की बच्चों की अनुमानित संख्या भिजवाने के निर्देश दिए हैं. फिलहाल राज्य सरकार के पास इस प्रकार की कोई आंकड़े नहीं है जिनमें बता सके कि राज्य में कोरोना महामारी में कितने बच्चे अनाथ हुए हैं.
माता पिता या दोनों की कोरोना से मृत्यु
सामाजिक न्याय अधिकारिता सचिव की ओर से कहा गया कि ऐसे परिवार जिनमें माता या पिता अथवा दोनों की मृत्यु कोविड से हुई है. एक मात्र कमाऊ सदस्य की मृत्यु कोविड से हुई है, की सूचना भिजवाने के निर्देश दिए हैं.
कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों की मांगी जानकारी
सामाजिक न्याय अधिकारिता सचिव की ओर से कहा गया है कि बीपीएल, अन्त्योदय, आस्था कार्ड धारी, निराश्रित एवं असहाय तथा आर्थिक पिछडा वर्ग परिवार जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपए से कम है. ऐसी तमाम मृत्यु के बच्चों की जानकारी मांगी गई है.
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जिला कलेक्टर ने मातहतों को निर्देश
राज्य सरकार से आदेश मिलने के बाद जयपुर जिला कलेक्टर सहित अन्य जिला कलेक्टरों ने अपने मातहत उपखंड अधिकारी को आदेश जारी कर तुरंत सूचना भिजवाने के निर्देश दिए हैं.