राज्य सरकार ने बजरी खनन के 16 नए पट्टे जारी कर आम जनता को बड़ी राहत दी है. इससे पहले राज्य सरकार द्वारा 12 बजरी खनन पट्टे जारी किए जा चुके हैं. इन्हें मिलाकर 28 पट्टे जारी किए जा चुके हैं.
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Jaipur: एसीएस माइंस सुबोध अग्रवाल ने दावा किया है कि अब प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बजरी की समस्या लगभग पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी, वहीं समूचे प्रदेश की कुल मांग की करीब 90 प्रतिशत से भी अधिक बजरी की मांग पूरी की जा सकेगी. एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजरी समस्या से आम नागरिकों को राहत दिलाने के लिए निरंतर समाधान खोजने के निर्देश दिए हैं.
इसका नतीजा है कि प्रदेश में लगातार बजरी खनन पट्टे जारी करने की दिशा में काम किया जा रहा है. नए पट्टे जारी होने से अब प्रदेश में बजरी की 30 मिलियन टन से बढकर 60 मिलियन टन उत्पादन क्षमता हो गई है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव अग्रवाल ने बताया कि टोंक, बिलाड़ा, भीलवाड़ा, मांडल, जहाजपुर, रेवदर, जोधपुर, बांगोडा बाड़मेर, आहोर, मालपुरा, रोहट, पाली, झालावाड़, सिरोही, पाली में बजरी खनन की नई लीज जारी की है. केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय से बारां और झालावाड़ में एक एक नई लीज पर सहमति बनी है. एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में 70 मिलियन टन बजरी की मांग है. उन्होंने बताया कि यह 16 पट्टे जारी होने से अब बजरी के 28 खनन पट्टे प्रभावी हो गए हैं, जिनसे कुल मांग की लगभग 90 फीसदी से अधिक पूर्ति हो सकेगी.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 9 के चार के अनुसार डाइज-नॉन पीरियड अवधि के लिए यह पट्टे जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया गया है कि खनन पट्टे में पूर्व में स्वीकृत आदेश दिनांक 22 मई 2017 की शर्तें यथावत रहेगी. राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 2017 में समय समय पर होने वाले संशोधन मान्य होंगे. उन्होंने बताया कि इससे पहले जालौर, जोधपुर, पाली, सिरोही, राजसमंद, भीलवाड़ा, जयपुर, झुंझुनू, टौंक,सवाईमाधोपुर और जालौर में पूर्व में बजरी खनन पट्टे जारी हैं और बजरी खनन व आपूर्ति हो रही है.
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