Rajasthan: इजरायली तकनीक से जयपुर में अनार तो कोटा में अंगूर की होगी खेती, इजरायली राजदूत से मिले किरोड़ी लाल मीणा
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Rajasthan: इजरायली तकनीक से जयपुर में अनार तो कोटा में अंगूर की होगी खेती, इजरायली राजदूत से मिले किरोड़ी लाल मीणा

Rajasthan israeli agro tech collaboration : कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार को मंत्रालयिक भवन में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन और इजरायली डेलिगेशन के साथ वार्ता की. राजस्थान में इजराइल के कृषि एवं उद्यानिकी में तकनीकी सहयोग हेतु विस्तृृत चर्चा की गई. 

Rajasthan: इजरायली तकनीक से जयपुर में अनार तो कोटा में अंगूर की होगी खेती, इजरायली राजदूत से मिले किरोड़ी लाल मीणा

Rajasthan israeli agro tech collaboration News : राजस्थान का कोटा शहर में संतरे के बाद अब अंगूर की खेती के लिए जाना जाएगा. नांता के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सिट्रस में अंगूर की खेती का प्रयोग किया जा रहा है. ये प्रयास सफल रहा तो आने वाले दिनों में कोटा का अंगूर का स्वाद देश के आलाव दुनिया भर में पहुंचेगी. साथ ही कोटा के किसानों को इससे बड़ा फायदा होगा. 

कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार को मंत्रालयिक भवन में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन और इजरायली डेलिगेशन के साथ वार्ता की. राजस्थान में इजराइल के कृषि एवं उद्यानिकी में तकनीकी सहयोग हेतु विस्तृृत चर्चा की गई. बैठक में प्रमुख कृषि सचिव वैभव गालरिया और उद्यानिकी आयुक्त लक्ष्मण सिंह कुड़ी मौजूद रहे.

डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने राजदूत गिलोन के साथ राज्य में अंगूर व खजूर की खेती की संभावना पर चर्चा की. साथ ही उच्च विद्युत चालकता एवं पीएच के जल से कृषि उत्पादन पर नवीन तकनीकी सहयोग हेतु विस्तृत चर्चा की गई. कृषि मंत्री ने सवाई माधोपुर में उत्पादित किये जा रहे अमरूद के प्रसंस्करण हेतु सहयोग की संभावना पर कार्य करने के लिए कहा.

इजराइल के राजदूत ने इस पर आश्वस्त किया गया कि वे इस पर कार्य कर शीघ्र ही अवगत कराएंगे. बैठक के दौरान प्रमुख सचिव ने इजराइल के तकनीकी सहयोग से स्थापित किए गए बस्सी, जयपुर में अनार, कोटा में सिट्रस तथा जैसलमेर में खजूर के उत्कृष्टता केंद्रों की प्रगति से अवगत कराया.

उन्होंने बताया कि इन केंद्रों पर इजराइल के तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख में लगभग 2 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में उन्नत कृषि तकनीकों के माध्यम से अनार, संतरा एवं खजूर की खेती के लिए लगभग 15 हजार कृषकों को प्रशिक्षित किया गया है. साथ ही  7 लाख 70 हजार कृषकों को पौध रोपण सामग्री उपलब्ध कराई गई है.

 

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