Rajasthan News: राज्य सरकार ने कृषि और उससे जुडे हुए क्षेत्रों में उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से दीर्घकालीन सहकारी कृषि और अकृषि ऋणों पर ब्याज अनुदान योजना लागू किया है. प्रदेश में पहली बार दीर्घकालीन कृषि ऋणों का समय पर चुकारा करने पर अनुदान दिया जाएगा.
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Rajasthan News: राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के बजट में 2 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान की घोषणा की गई थी, जिसे अब राज्य में लागू कर दिया है. पहली बार दीर्घकालीन किसानों को सहकारी कृषि ऋणों पर 7 प्रतिशत और अकृषि ऋणों पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान मिलेगा. जिन किसानों द्वारा पूर्व में कृषि ऋण प्राप्त किया गया है और वे अपने ऋण का समय पर चुकारा कर रहे हैं, ऐसे किसानों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ मिलेगा.
इन किसानों को होगा फायदा
सहकारिता राज्य मंत्री ने बताया कि पहली बार इस योजना के तहत उत्पादक अकृषि ऋणी किसानों को भी सम्मिलित कर लाभान्वित किया गया है. अब उत्पादक अकृषि ऋणों का समय पर चुकारा करने वाले किसानों को भी 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ मिलेगा. इस योजना के माध्यम से समय पर अपने ऋण की किश्तों का भुगतान करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करते हुए किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार अधिकाधिक ऋण की सुविधा उपलब्ध कराना है. यह योजना प्रदेश के प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक और केंद्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से वितरित कृषि, अकृषि ऋणों के समय पर चुकारा करने पर लागू होगी. यदि कोई किसान केन्द्रीय सहकारी बैंक के माध्यम से सहकार किसान कल्याण योजना के तहत इस वर्ष कृषि ऋण लेता है और वह उसका नियमित चुकारा करता है तो उसे 7 प्रतिशत ब्याज का अनुदान मिलेगा. इस प्रकार उसे मात्र 4 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा.
होगा किसानों को इतना होगा फायदा
यदि किसान इस वर्ष सहकार किसान कल्याण योजना (कृषि ऋण) के अन्तर्गत 10 लाख रुपये का ऋण लेता है और वह अपनी किश्ते नियमित चुकाता है तो उसे इस वर्ष 7 प्रतिशत की दर से राशि 68231 रुपये का ब्याज अनुदान मिलेगा. इस प्रकार उसे 107220 रुपये के बजाय 4 प्रतिशत की दर से मात्र 38989 रुपये ही ब्याज देना होगा. इसी प्रकार यदि किसान खेत पर आवास योजना (अकृषि ऋण) के अंतर्गत 50 लाख रुपये का ऋण लेता है और वह अपनी सभी किश्ते समय पर चुकाता है तो उसे इस वर्ष 5 प्रतिशत की दर से राशि 246108 रुपये का ब्याज अनुदान मिलेगा. इस प्रकार उसे 418385 रुपये के बजाय 3.50 प्रतिशत की दर से मात्र 172277 रुपये का ब्याज देना होगा.
39 करोड़ का प्रावधान
इस बार ब्याज अनुदान के लिए कुल 39.75 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. योजना के लागू होने से किसान आधुनिक खेती के लिये प्रोत्साहित होंगे और भूमि सुधार करते हुए उत्पादकता को बढा पायेंगे.इससे किसानों की आय में बढोतरी होगी और सहकारी बैंक अधिक किसानों को कृषि और अकृषि ऋण मुहैया करा पायेंगे.
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