Jaipur News: राजस्थान में इस साल रियल एस्टेट बाजार में भी रौनक देखने को मिली, जिसके चलते लोगों ने घर-प्रोपर्टी में करोड़ो रुपये निवेश किए. इससे सरकार को भी खूब फायदा मिल रहा है.
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Jaipur News: शहरों का औद्योगिक और व्यावसायिक विस्तार होते देख लोगों में अपने घर का सपना सच करने की होड़ लग हुई है. इसी होड के चलते राज्य सरकार के मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग को रियल एस्टेट कारोबार ने माला-माल कर दिया. अपने और परिवार के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए लोगों का जमीन खरीदने की तरफ रुझान बढ़ा है और ये रुचि कोरोना काल के बाद अधिक देखी जा रही है.
राज्य सरकार का मुद्राक एवं पंजीयन विभाग कमाई पूत माना जाता हैं. कोरोनाकाल के खत्म होने के साथ दूसरे बाजारों की तरह रियल एस्टेट बाजार में भी रौनक आने लगी है. यही कारण है कि लोगों में घर-प्रोपर्टी खरीदने में निवेश के प्रति रूझान ज्यादा देखने को मिला है. लोगों के इस रूझान से रियल एस्टेट कारोबारियों की तो चांदी हो ही रही है और सरकार को भी खूब फायदा हो रहा है.
यही कारण है कि पिछले फाइनेंशियल ईयर (एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक) में राजस्थान में 27.26 से ज्यादा अचल सम्पत्तियों के खरीद या बेचान की रजिस्ट्री करवाई गई. इसके कारण राजस्थान सरकार को इस बार रजिस्ट्री से 1697.33 करोड़ रुपये का ज्यादा रेवेन्यू मिला है, जो पिछले साल के मुकाबले 26 फीसदी ज्यादा है. बड़ी बात ये है कि इसमें ज्यादातर सम्पत्तियां पुरुषों के नाम से खरीद हुई है. मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग के जारी रिपोर्ट देखे तो राजस्थान में इस साल सरकार को 8189.23 करोड़ रुपये रजिस्ट्री (स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस) के पेटे मिले हैं. हालांकि सरकार को इस 8300 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद थी.
राज्य में सरकार ने भले ही महिलाओं के नाम से प्रोपर्टी खरीद पर रजिस्ट्री और स्टाम्प ड्यूटी में 1 फीसदी की छूट दे रखी हो, लेकिन आज भी ज्यादातर सम्पत्तियां पुरुषों के नाम से खरीदी जाती हैं. राजस्थान में इस साल (2022-23) की रिपोर्ट देखे तो पिछले साल एक अप्रैल 2022 से 28 फरवरी 2023 तक (11 महीने में) पूरे राज्य में 24 लाख 40 हजार से ज्यादा सम्पत्तियों की रजिस्टर्ड हुई, जिनमें से 21 लाख 54 हजार से ज्यादा सम्पत्तियां पुरुषों के नाम पर खरीदी गई.
कुल रजिस्टर्ड हुई सम्पत्तियों का 88.29 फीसदी है. राज्य में महिलाओं के नाम से अब भी लोग कम ही सम्पत्तियों की खरीद-फरोख्त करते हैं. पिछले साल के 11 महीनों की रिपोर्ट के मुताबिक, 2 लाख 85 हजार से ज्यादा सम्पत्तियां खरीदी गई, जो कुल रजिस्टर्ड हुई सम्पत्तियों का 12 फीसदी ही हैं. ये ट्रेंड लंबे समय से चला आ रहा है. पिछले 5 साल की रिपोर्ट देखे तो कोविड के समय (अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक) सबसे ज्यादा सम्पत्तियां महिलाओं के नाम से खरीदी गई थी. उस साल पूरे राज्य में 16.61 लाख प्रोपर्टी की खरीद-फरोख्त हुई, जिसमें से 2.53 लाख प्रोपर्टी महिलाओं के नाम से खरीदी गई, जो कुल रजिस्टर्ड सम्पत्तियों का 15.24 फीसदी रहा.
वर्ष | लक्ष्य (करोड़ में) | आय (करोड़ में) | प्रतिशत |
2014-15 | 3500 | 3189 | 91.11 |
2015-16 | 3450 | 3053 | 93.94 |
2016-17 | 3250 | 6053 | 93.94 |
2017-18 | 4050 | 3674.78 | 90.74 |
2018-19 | 4750 | 3886.03 | 81.81 |
2019-20 | 5350 | 4234.73 | 79.15 |
2020-21 | 5550 | 5297.19 | 95.45 |
2021-22 | 6800 | 6291.90 | 95.47 |
2022-23 | 8300 | 8189.23 | 98.67 |
बहरहाल, शहर में जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं. यहीं कारण है कि लोग अब गांव की ओर जमीन खरीदने रुचि दिखा रहे हैं. गांव में जमकर जमीन की खरीदी हो रही है. लोग ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन खरीदकर इनवेस्ट कर रहे हैं.
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