Rajasthan News: राजस्थान बिल्डर की ओर से आवंटी को समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं, जानें वजह
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Rajasthan News: राजस्थान बिल्डर की ओर से आवंटी को समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं, जानें वजह

Rajasthan News: राजस्थान बिल्डर की ओर से आवंटी को समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं देने के मामले में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) राजस्थान ने बिल्डर पर एक्शन लेते हुए उसे आवंटी का जमा सम्पूर्ण पैसा ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिए है.

 

फाइल फोटो.

Rajasthan News: राजस्थान बिल्डर की ओर से आवंटी को समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं. बिल्डर की ओर से आवंटी को समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं दिया था.जिसके बाद आवंटी ने ऑथोरिटी में याचिका दायर की थी.

याचिका पर सुनवाई के बाद ऑथोरिटी के सदस्य शैलेन्द्र अग्रवाल ने ये फैसला सुनाते हुए बिल्डर को 45 दिन में रकम लौटाने के आदेश दिए.रेरा में मामले की पैरवी करने वाले एडवोकेट राम प्रकाश कुमावत ने बताया कि शिकायतकर्ता डॉ.तनुजा सिंह ने बिल्डर अरिहंत ड्रीम इंफ्रा प्रोजेक्ट लि.के प्रोजेक्ट अरिहंत लिजेंसी जो बीलवा में प्रोजेक्ट बना है.उसमें मार्च 2016 में फ्लैट बुक करवाया.

राशि अपने खाते में ट्रांसफर करवा दी

38.49 लाख रुपए कीमत का फ्लैट डेढ़ लाख रुपए देकर बुक करवाकर शेष राशि किश्तों में दिसंबर 2017 तक देने का एग्रीमेंट हुआ.लेकिन बुकिंग के 9 दिन बाद ही बिल्डर ने शिकायतकर्ता के डॉक्यूमेंट के जरिए बैंक से 30.75 लाख रुपए की लोन राशि स्वीकृत करवाकर राशि अपने खाते में ट्रांसफर करवा दी.नियमानुसार और एग्रीमेंट के मुताबिक बिल्डर को जून 2018 में फ्लैट का कब्जा देना था.साल 2018 में भी बिल्डर ने फ्लैट का कब्जा नहीं दिया.इसके उलट उसने आवंटी से 5 लाख रुपए और ले लिए और जल्द फ्लैट का कब्जा देने का आश्वासन देता था.

कोविड काल शुरू होने के बाद साल 2021 आखिरी तक भी जब आवंटी को फ्लैट का कब्जा नहीं मिला तो उसने मौके पर वास्तविक स्थिति देखने के लिए विजिट की.जहां देखा कि फ्लैट पूरी तरह तैयार नहीं हुआ,जिसके बाद बिल्डर की रेरा ऑथोरिटी में शिकायत की गई.

 45 दिन में लौटाने के आदेश दिए

रेरा में शिकायत दर्ज होने के बाद इस मुद्दे पर चली लम्बी बहस चली.जहां बिल्डर ने पीड़िता को किसी दूसरे प्रोजेक्ट में फ्लैट देने का आश्वासन दिया.लेकिन पीड़िता ने बिल्डर के इस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए जमा पैसा वापस करने की मांग की.तमाम सुनवाई के बाद ऑथोरिटी के सदस्य ने पीड़िता को न्याय देते हुए बिल्डर को पूरा पैसा (37.25 लाख रुपए) 9.75 फीसदी ब्याज की दर से 45 दिन में लौटाने के आदेश दिए है.

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