राजस्थान फोन टैपिंग विवाद: खाचरियावस बोले-अगर ऐसी बात तो CM से शिकायत करें सोलंकी
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राजस्थान फोन टैपिंग विवाद: खाचरियावस बोले-अगर ऐसी बात तो CM से शिकायत करें सोलंकी

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि केवल यह कहने भर से किसी का फोन टेप नहीं हो सकता. फोन टैपिंग बहुत गंभीर मुद्दा है. राजस्थान की परंपरा नहीं रही है.

प्रताप सिंह खाचरियावास ने फोन टौपिंग विवाद को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. (फाइल फोटो)

Jaipur: राजस्थान में फोन टैपिंग को लेकर एक बार फिर से सियासत गर्माने लगी है. खासतौर पर कांग्रेस के भीतर पायलट और गहलोत कैंप के विधायक और मंत्री अब इस मुद्दे को लेकर आमने-सामने हैं. पायलट कैंप के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के आरोपों पर जहां भाजपा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर निशाना साधा तो वहीं अब गहलोत कैंप के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जवाबी मोर्चा संभाला है.

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि वेद प्रकाश सोलंकी का बयान मैंने सुना है. उन्होंने यह कहा है कि मुझे कुछ विधायकों ने जानकारी दी थी कि उनके फोन टेप हो रहे हैं लेकिन उनकी खुद का फोन टेप नहीं हो रहा है. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा ऐसी कोई भी बात अगर हुई है तो वेद प्रकाश सोलंकी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से शिकायत करनी चाहिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मामले की जांच करवाएंगे. पूरा सच सामने आ जाएगा.

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मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि केवल यह कहने भर से किसी का फोन टेप नहीं हो सकता. फोन टैपिंग बहुत गंभीर मुद्दा है. राजस्थान की परंपरा नहीं रही है. भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार के वीडियो सामने आने के बाद अब वो इस मुद्दे के जरिए असल मुद्दे से ध्यान भटकाने में है लगे हैं.

खाचरियावस ने कहा कि शनिवार को वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा था कि 2-3 विधायकों ने आकर उनसे कहा है कि उनके फोन टैप किए जा रहे हैं. कई अधिकारियों ने भी इस तरह की धमकी दी है. हालांकि वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा है कि उन्हें कभी महसूस नहीं हुआ कि उनका खुद का फोन टेप हो रहा है.

दरअसल, पिछले साल कांग्रेस के खेमे में मचे सियासी घमासान के दौरान फोन टैपिंग का मुद्दा सुर्खियों में रहा था. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के कथित ऑडियो जारी करने के मुद्दे को लेकर बीजेपी ने राजस्थान सरकार पर भाजपा और अपने ही नेताओं के फोन टेप करने के आरोप लगाए थे. मामले की गूंज राजस्थान विधानसभा में भी सुनाई दी थी.

इस मामले में गजेंद्र सिंह की ओर से दिल्ली में दर्ज एफआईआर की जांच क्राइम ब्रांच को दे दी गई थी. मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा पर ऑडियो टेप जारी करने का आरोप लगाया गया था. मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका के बाद इस प्रकरण की जांच पर 6 अगस्त तक रोक लगा दी गई है.

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वहीं, इस पूरे मामले में भाजपा लगातार हमलावर रही है. ऐसे में कांग्रेस में पायलट कैंप की ओर से फिर से बगावती तेवर अपनाने के साथ ही फोन टैपिंग का एजेंडा फिर बाहर आ गया है और निश्चित तौर पर आने वाले कई दिनों में इस मुद्दे को लेकर पक्ष-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहने की पूरे कयास लगाए जा रहे हैं.

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