पूनिया ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक प्रदेश में इस तरह की कवायद होती है तो उसके सीधे-सीधे दोषी मुख्यमंत्री और गृहमंत्री होते हैं. पूनिया बोले कि उनको आज नहीं तो कल, जनता की अदालत में जवाब देना पड़ेगा.
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Jaipur: फोन टैपिंग (Phone tapping) और राज्य में मध्यावधि चुनाव को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने बड़ा बयान दिया है.
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पूनिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि फोन टैपिंग को लेकर कांग्रेस विधायक का बयान मीडिया में देखा, जिसमें कई विधायकों की इस तरह की बातें आई हैं कि फोन टैप हो रहे हैं, जासूसी हो रही है. प्रदेश इन्हीं आशंकाओं के बीच में है, क्योंकि प्रदेश की जनता ने एक वर्ष पहले इसी तरह का दृश्य देखा था, जब सरकार 42 दिन बाड़ेबंदी में रही.
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इस दौरान उपमुख्यमंत्री और तत्कालीन पीसीसी चीफ को बर्खास्त भी करना पड़ा और एक चुनी हुई सरकार 42 दिन बाड़े में बंद रही. पूनिया ने कहा कि इन्ही आशंकाओं के बीच कोई विधायक यह आशंका व्यक्त करे कि उनकी जासूसी होती है, फोन टैपिंग होती है, तो ऐसा लगता है कि प्रदेश में अघोषित किस्म का आपातकाल लगा है. पूनिया ने कहा कि हर तरफ सेंसरशिप और शंका दिखती है. पूनिया ने सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार (State Government) फोन टैपिंग और जासूसी कर रही है तो उनका प्रश्न मुख्यमंत्री से है कि वो विधायक कौन हैं, जिनके फोन टैप किये जा रहे हैं?
सरकार करे इस बात को उजागर
पूनिया ने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक प्रदेश में इस तरह की कवायद होती है तो उसके सीधे-सीधे दोषी मुख्यमंत्री और गृहमंत्री होते हैं. पूनिया बोले कि उनको आज नहीं तो कल, जनता की अदालत में जवाब देना पड़ेगा.
सरकार में हुई अंतर्कलह
मध्यावधि चुनाव को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में पूनिया ने कहा कि, राज्य की कांग्रेस सरकार (Congress Government) की बुनियाद कमजोर थी, बीएसपी को अवैधानिक तरीके से मर्ज किया, निर्दलीयों को शामिल किया. हिलते हुये पाये की सरकार थी, जिसकी बुनियाद कमजोर थी, सरकार में अंतर्कलह हुआ, उस अंतर्कलह का असर सीधे तौर पर राजस्थान की गर्वनेंस पर हुआ, जनता के हित के निर्णय नहीं हुये, सभी विकास कार्य ठप पड़े हैं, किसान-युवाओं से वादाखिलाफी की गई.
जहां धुआं होता वहां आग भी होती
उन्होंने कहा कि, ऐसी अस्थिरता के बीच में जब सरकार नैतिक रूप से कमजोर होती है तो कमजोर सरकार कितने दिन चलेगी कोई कह नहीं सकता? अभी फिर से कांग्रेस के अंदर अंतर्कलह दिखी है, वो धुंआ जैसा दिखता है और जहां धुआं होता है, वहां आग भी होती है. पूनिया बोले कि कमजोर सरकार के यह हालात मध्यावधि चुनाव की ओर इशारा कर रहे हैं.