Rajasthan News: विधानसभा में पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि अब गोवंश के लिए ‘आवारा पशु’ शब्द के बजाय ‘निराश्रित’ शब्द का प्रयोग किया जाएगा. साथ ही पशुओं से जुड़ी कई योजनाओं की घोषणा की.
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Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने गोवंश के लिए ‘आवारा पशु’ शब्द को गायब कर दिया है. अब रास्तों पर इधर-उधर घूमने वाले पशुओं को अब ‘आवारा पशु’ शब्द से संबोधित नहीं किया जाएगा. इसके बजाय इन्हें ‘निराश्रित’ कहा जाएगा. इतना ही नहीं भजनलाल सरकार ने मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष के गठन की घोषणा की है. साथ ही पशुओं के लिए मंगला पशु बीमा योजना भी शुरू करने की घोषणा की है.
‘आवारा पशु’ नहीं, अब ‘निराश्रित’ कहा जाएगा
विधानसभा में पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि प्रदेश की बहुमूल्य पशु सम्पदा के विकास के साथ पशुधन उत्पादन को बढ़ाकर पशुपालकों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्व है. उन्होंने कहा कि अब गायों और नंदी के लिए ‘आवारा पशु’ की जगह पर ‘निराश्रित’ शब्द का उपयोग किया जाएगा. इस दौरान पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की 15 अरब 58 करोड़ 15 लाख 40 हजार रूपये की अनुदान मांगें को पारित किया गया.
गोपालक परिवारों को मिलेगा ब्याज मुक्त ऋण
मंत्री कुमावत ने कहा कि राज्य सरकार अब दुधारू पशुओं के साथ अन्य पशुओं के लिए मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना ला रही है. पशुपालकों की सुविधा के लिए प्रदेश के सभी जिलों में पशु मेले आयोजित किए जाएंगे. कुमावत ने कहा कि राज्य में ऊंटों को बढ़ावा देने के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई ऊष्ट्र संरक्षण योजना के तहत ऊंटपालकों को दी जाने वाली सहायता राशि बढाई गई है. अब ऊंटपालकों को 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपए दिए जाएंगे. वहीं, गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पहले चरण में लगभग 5 लाख गोपालक परिवारों को 1 लाख रूपए का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा.
सीएम पशुपालन विकास कोष का किया जाएगा गठन
मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि पशुपालकों को आत्म निर्भर बनाने के लिए राज्य में 250 करोड़ रूपए के प्रावधान के साथ मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष का गठन किया जाएगा. इस दौरान सेक्स सॉर्टेड सीमन योजना की अनुदान राशि को बढ़ाकर 75% कर दिया जाएगा. 125 चिकित्सकों तथा 525 पशुधन सहायकों के नए पदों का सृजन किया जाएगा, जिससे पशु चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हो सके. साथ ही 500 ग्राम पंचायतों में नए पशु चिकित्सा उप केन्द्र खोले जाएंगे.
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