Rajasthan Politics: पानी-बिजली की स्थिति को लेकर सत्ताधारी पार्टी के लोगों ने पत्र लिखे तो PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने CM भजनलाल शर्मा पर तंज कसा है.
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Rajasthan Politics: प्रदेश में पानी-बिजली की स्थिति को लेकर सरकार में बैठे मंत्री और सत्ताधारी पार्टी के लोगों ने पत्र लिखे तो कांग्रेस को भी सरकार पर सवाल उठाने का मौका मिल गया. प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आ रही बिजली और पानी की स्थिति को लेकर पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा ने सवाल उठाये हैं.
डोटासरा ने कहा कि राज्य सरकार भीषण गर्मी के बावजूद आम जन को बिजली और पेयजल उपलब्ध नहीं करवा पा रही है. जिसके चलते लोग परेशान हैं. डोटासरा ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में लोग मीलों चलकर पीने का पानी ला रहे हैं. तो शहरों में लोग मोटी रकम खर्च करके टैंकर मंगाने को मजबूर हो रहे हैं. पीसीसी चीफ ने कहा कि सरकार की अनदेखी के कारण प्रदेश में भीषण बिजली संकट पैदा हो गया है. उन्होंने कहा कि संकट की स्थिति में भी सरकार अघोषित रूप से दो से चार घंटे की बिजली कटौती शहरों में कर रही है. जबकि दूर-दराज के इलाकों में यह कटौती और ज्यादा है.
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द डोटासरा ने बिजली-पानी को लेकर सरकार और प्रशासनिक मशीनरी को आड़े हाथ लिया है. डोटासरा ने कहा कि एक तरफ प्रदेश की जनता बिजली कटौती और पेयजल की सप्लाई न होने से त्रस्त है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री इस संकट को दूर करने में समस्या समाधान खोजने की बजाय दूसरे प्रदेशों में जाकर चुनाव प्रचार करने में व्यस्त हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक, नेता और मंत्री पत्र लिखकर अपने-अपने क्षेत्रों में पानी एवं बिजली की सप्लाई निर्बाध रूप से करवाने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार के मुखिया, जलदाय मंत्री और ऊर्जा मंत्री कोई समाधान खोजते हुए नहीं दिख रहे. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है जैसे तो पूरी सरकार प्रशासनिक अधिकारियों के भरोसे ही चल रही है.
पीसीसी चीफ डोटासरा ने कहा कि मौसम विभाग ने महिनों पहले प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ने का पूर्वानुमान बताया था लेकिन, राजस्थान सरकार ने प्रदेशवासियों को सुचारू बिजली सप्लाई के लिए कोई कार्ययोजना नहीं बनाई. जिसका परिणाम है कि प्रदेश में उपभोक्ताओं के लिए 600 लाख यूनिट प्रतिदिन बिजली की कम सप्लाई हो रही है और प्रदेशवासियों को इस भीषण गर्मी में घण्टों अघोषित बिजली कटौती का सामना कर परेशानी उठानी पड़ रही है.
उन्होंने कहा कि गर्मियों में पेयजल की उपलब्धता बनाये रखने के लिए पूरा एक्शन प्लान बनाया जाना जरूरी होता है लेकिन, राजस्थान सरकार 100 दिवस की कार्य योजना के नाम पर खुद की पीठ थपथपा रही थी और अब भीषण गर्मी में पेयजल के संकट का सामना कर रही जनता के सामने सरकार की पोल खुल गई है. डोटासरा ने कहा कि प्रदेशभर में या तो कम दबाव के साथ पेयजल सप्लाई हो रही है या फिर लोग महंगे दाम पर टैंकरों से पानी ले रहे हैं.
डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में भीषण गर्मी के मौसम में बिजली और पेयजल संकट के लिए राजस्थान की भाजपा सरकार पूर्णतया जिम्मेदार है.