जमवारामगढ़ में दुर्घटनाग्रस्त घायल व्यक्ति को तुरंत उपचार मिलना चाहिए. सिर में गंभीर चोट आने के साथ कई बार अधिक खून बहने से दुर्घटनाग्रस्त घायल की मौत हो जाती है.
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Jamwa Ramgarh: जयपुर के जमवारामगढ़ में दुर्घटनाग्रस्त घायल व्यक्ति को तुरंत उपचार मिलना चाहिए. सिर में गंभीर चोट आने के साथ कई बार अधिक खून बहने से दुर्घटनाग्रस्त घायल की मौत हो जाती है. राजकीय महाविद्यालय जमवारामगढ़ जयपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना और महिला नीति के तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित हुआ.
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बता दें कि साथ ही कार्यक्रम में बताया गया कि दुर्घटना घायल मरीज की कैसे जान बचाई जा सकती है. कार्यक्रम में उपचार और उपाय के लिए ट्रॉमा सेंटर के साथ समन्वय पर एक दिवसीय कार्यशाला में उप जिला अस्पताल के शल्य चिकित्सक डॉ. नितिन झालानी ने आयोजित कार्यक्रम में बात कही.
शल्य चिकित्सक ने कहा कि दुर्घटना होने के बाद पहला घंटा गोल्डन टाइम होता है. इस दौरान चिकित्सा सुविधा मिलने से घायल मरीज की जान बचाने में चिकित्सकों को सुविधा मिलती है. उन्होंने कहा कि दुर्घटना होने के तुरंत बाद घायल को बिना देरी किए अस्पताल पंहुचाना जरूरी है, ताकी समय रहते घायल को प्रॉपर इलाज मिल सके और उसकी जान बचाई जा सके अब तो घायल को अस्पताल पहुंचाने के लिए सरकार ने भी प्रोत्साहन राशि देने के साथ किसी भी प्रकार के कानूनी प्रक्रिया में मददगार नहीं बनने की छूट दे दी है. इसलिए घबराए की कोई बात नहीं रही अब बेहिचक मदद की जा सकती है.
वहीं राजकीय उप जिला चिकित्सालय, जमवारामगढ़ के डॉ. रचित कपूर ने विद्यार्थियों को सड़क दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की तुरंत देखभाल कैसे की जाए उसके लिए सभी बच्चों को प्रमुख जा जानकारी दी. साथ मानव धर्म निभाने के लिये प्रतीत किया गया. वहीं महिला नीति की नोडल अधिकारी डॉ. चंद्र कंवर पालावत ने भी अपने विचार व्यक्त किए. अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. हरिश्चंद्र ने की. प्राचार्य के साथ वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ. राजेश आर्य, डॉ. शिव कुमार मीणा, डॉ. नीतू माथुर, डॉ. दीपा वर्मा, डॉ. सुकांत शर्मा, डॉ. अनुजा तिवारी आदि मौजूद रहें. महाविद्यालय के कई विद्यार्थी मौजूद रहें.
Reporter: Amit Yadav
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