नकल पर ऐसे नकेल कसेगी Rajasthan Skill University, वर्चुअल फ्लाइंग करेगी Monitoring
Advertisement

नकल पर ऐसे नकेल कसेगी Rajasthan Skill University, वर्चुअल फ्लाइंग करेगी Monitoring

यूनिवर्सिटी की ओर से पहल करते हुए वीडियो कॉलिंग से परीक्षाओं में निगरानी करने की शुरुआत की है. स्किल यूनिवर्सिटी की ओर से परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों पर नजर रखने के लिए "वर्चुअल फ्लाइंग" का ​प्रयोग किया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jaipur: परीक्षाओं में नकल (Cheating) की शिकायतें अमूमन हर जगह से प्राप्त होती हैं. चाहे वह स्कूली स्तर की परीक्षा हो, कॉलेज स्तर की परीक्षा हो या फिर प्रतियोगी परीक्षाएं, हर जगह नकल की शिकायत मिलती ही रहती है लेकिन इस नकल पर रोक लगाने के लिए राजस्थान स्किल यूनिवर्सिटी (Rajasthan Skill University) ने एक नई पहल शुरू की है.

यूनिवर्सिटी की ओर से पहल करते हुए वीडियो कॉलिंग से परीक्षाओं में निगरानी करने की शुरुआत की है. स्किल यूनिवर्सिटी की ओर से परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों पर नजर रखने के लिए "वर्चुअल फ्लाइंग" का ​प्रयोग किया है.

यह भी पढे़ं- Jaipur से बड़ी खबर, मोहर्रम और पंचायत चुनाव के चलते चार परीक्षाएं स्थगित

 

किसी भी परीक्षा में नकल पर नकेल कसना टेढ़ी खीर साबित होता है. नकल को रोकने के लिए बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं लेकिन यह सभी दावे धरातल पर फेल नजर आते हैं. नकल रोकने के लिए फ्लाइंग की टीम तो आती है लेकिन टीम के जाने के साथ ही फिर से नकल की शिकायतें मिलती मिलने लगती हैं लेकिन राजस्थान स्किल यूनिवर्सिटी ने इसका जो तरीका इज़ाद किया है वह नया और अनूठा है. अब तक यह देखने में आता है कि नकल को रोकने के लिए फ्लाइंग दस्तों का गठन किया जाता है, जो समय समय पर परीक्षाओं में जाकर औचक निरीक्षण करता है. 

कोरोना महामारी (Corona pandemic) की दस्तक से पहले तक स्किल यूनिवर्सिटी भी ऐसा ही करती थी लेकिन अब उसने इसका 'वर्चुअल' तरीका ढूंढ लिया है. यूनिवर्सिटी द्वारा परीक्षा केंद्रों की वीडियो कॉल के ज़रिये निगरानी करने का तरीका इजाद किया गया है. यदि किसी केंद्र पर कोई गड़बड़ी मिलती है तो कार्रवाई की जाती है.

यह भी पढ़ें- निजी स्कूलों की मनमानी पर छलका पैरेंट्स का दर्द, बोले- खाने को पैसा नहीं, Fees कैसे भरें

 

'वर्चुअल फ्लाइंग' कई मायनों में 'परंपरागत फ्लाइंग' से बेहतर
वर्चुअल फ्लाइंग कई मायनों में परंपरागत फ्लाइंग से आर्थिक रूप से काफी बेहतर साबित होती है. स्किल यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक मोहम्मद हुसैन का कहना है कि 'वर्चुअल फ्लाइंग' कई मायनों में 'परंपरागत फ्लाइंग' से बेहतर है. 'परंपरागत फ्लाइंग' एक दिन में एक ही जगह के अधिकतम दो या तीन परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कर सकती है जबकि 'वर्चुअल फ्लाइंग' एक दिन में जितनी मर्ज़ी उतने परीक्षा केंद्रों का जितनी बार चाहे निरीक्षण कर स​कती है. 'परंपरागत फ्लाइंग' में मैनपॉवर की ज़रूरत होती है जबकि 'वर्चुअल फ्लाइंग' में सिर्फ़ एक व्यक्ति और वीडियो कॉल करने के लिए एक मोबाइल चाहिए. 'परंपरागत फ्लाइंग' में शामिल सदस्यों को मानदेय के अलावा यात्रा व अन्य भत्ते भी देने पड़ते हैं जबकि 'वर्चुअल फ्लाइंग' में किसी को कोई भुगतान नहीं करना पड़ता. 

यूनिवर्सिटी के सामने थी कई चुनौतियां
वर्चुअल फ्लाइंग के प्रयोग से पहले परंपरागत फ्लाइंग को लेकर यूनिवर्सिटी के सामने कई चुनौतियां थीं. यूनिवर्सिटी में 3 हजार विद्यार्थियों की संख्या और मैन पावर की कमी सबसे बड़ी चुनौती थी लेकिन अब हर जगह वीडियो कॉलिंग के जरिए मॉनिटरिंग को दुरस्त कर यूनिवर्सिटी नया तरीका आजमा रही है.

 

Trending news