Rajasthan: राजस्थान में आबकारी विभाग और पुलिस डिपार्टमेंट में ठनी, वैध शराब, वैध परमिट फिर भी पुलिस का चला डंडा !
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Rajasthan: राजस्थान में आबकारी विभाग और पुलिस डिपार्टमेंट में ठनी, वैध शराब, वैध परमिट फिर भी पुलिस का चला डंडा !

Rajasthan Excise department : राजस्थान में आबकारी विभाग और पुलिस डिपार्टमेंट में ठन गई है. पुलिस कई जगह अवैध बताकर जबरन जब्त कर रही है. हालांकि हाल के 2 मामलों में पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा.

Rajasthan: राजस्थान में आबकारी विभाग और पुलिस डिपार्टमेंट में ठनी, वैध शराब, वैध परमिट फिर भी पुलिस का चला डंडा !

Excise department of rajasthan : राजस्थान में इन दिनों आबकारी विभाग और पुलिस विभाग आमने सामने हैं. मदिरा की जिस वैध बिक्री के जरिए आबकारी विभाग को 17 हजार करोड़ रुपए का राजस्व जुटाना है, उस मदिरा को पुलिस कई जगह अवैध बताकर जबरन जब्त कर रही है.

हालांकि हाल के 2 मामलों में पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा है. क्यों हो रहा है दो विभागों में टकराव, क्या अब आबकारी मुख्यालय देगा दखल, पढ़ें पूरी खबर.

राजस्थान में आबकारी विभाग और पुलिस आमने सामने

आमतौर पर जब पुलिस शराब से भरा कोई ट्रक या अन्य वाहन पकड़ती है तो तुंरत ही आबकारी विभाग की टीम को भी इसके बारे में सूचित किया जाता है, लेकिन इन दिनों आबकारी विभाग द्वारा स्वीकृत शराब दुकानों के वाहनों को ही पुलिस द्वारा अवैध बताकर सीज किया जा रहा है.

पुलिस द्वारा अवैध बताकर सीज किया जा रहा

हालिया दो मामलों में पुलिस विभाग की टीमों ने उस मदिरा को जब्त कर लिया, जो कि राजस्थान स्टेट ब्रेवरेज कॉरपोरेशन द्वारा जारी की गई थी और शराब ठेकेदार द्वारा उसकी लाइसेंसशुदा दुकान पर ले जाई जा रही थी. पहला मामला उदयपुर के सलूम्बर में सामने आया है.

तीनों लाइसेंसी धारक ने पुलिस के विरोध न्यायालय पहुंचे

यहां पुलिस थाना परसाद ने 3 आबकारी लाइसेंसियों की मदिरा लेकर जा रहे वाहन को जब्त कर लिया. हालांकि यहां पुलिस थाना परसाद ने खुद केस दर्ज करने के बजाय दूसरे थाने सेमारी में केस दर्ज करवा कर माल को जब्त कराया. यह मदिरा 3 लाइसेंसियों किरणदेवी सुहालका, सुरेशचंद्र सुहालका और दीपांकर सुहालका की थी.

तीनों लाइसेंसियों ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में अपर सेशन न्यायाधीश सलूम्बर में याचिका दाखिल की. इस पर न्यायालय ने जब्त माल को छोड़ने के आदेश दिए हैं.

गड़बड़ी कहां, किस स्तर पर 

- पहले केस में 3 दुकानों की शराब एक वाहन में ले जाई जा रही
- 8 नवंबर 2023 को आरएसबीसीएल बलीचा डिपो से ले जाई जा रही थी
- लाइसेंसशुदा दुकानों के लिए परिवहन की जा रही थी शराब
- ड्राइवर के पास मदिरा का इनवाॅइस और वैध ट्रांसपोर्ट पास था
- पुलिस थाना परसाद ने उक्त वाहन को रुकवाया और सेमारी थाने में केस दर्ज कराया
- सेमारी पुलिस ने 50 कार्टून, 140 कार्टून व 125 कार्टून मदिरा जब्त की
- लेकिन आबकारी विभाग को केस दर्ज करने की सूचना नहीं दी गई
- न्यायालय ने कहा, यह माल वैध परमिट से ले जाया जा रहा था
- ऐसे में माल जब्ती गलत, इसे रिलीज करने के आदेश जारी किए

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दूसरे मामले में जिला आबकारी अधिकारी करौली प्रकाश चंद रैगर ने आदेश जारी किए हैं कि 23 सितंबर 2023 को पुलिस थाना कोतवाली ने जिस 36 पेटी मदिरा को जब्त किया था, उसे रिलीज किया जाए.

दरअसल वैध मदिरा को परिवहन करते हुए यदि पुलिस द्वारा जब्त कर लिया जाता है तो जिला आबकारी अधिकारी को यह अधिकार है कि उस मदिरा को रिलीज कर सके. इस सम्बंध में 23 मार्च 2010 को राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर बैंच ने एक फैसला सुनाते हुए जिला आबकारी अधिकारी को निर्णय करने के अधिकार दिए हैं.
 

ड्राइवर कहता रहा, पास देखिए...

- 23 सितंबर 2023 को लाइसेंसी जितेन्द्र सिंह के ड्राइवर ने मदिरा लोड कराई
- RSBCL गोदाम करौली से बयाना मोड, हिंडौनसिटी के लिए रवाना हुआ
- ड्राइवर के पास ट्रांसपोर्ट पास KRL01C005155 और KRL01C005156 थे
- पिकअप में मदिरा लेकर जब ड्राइवर रास्ते में ढाबे पर खाना खाने रुके
- तो पुलिस ने अवैध शराब बता मदिरा को जब्त कर लिया
- ड्राइवर ने ट्रांसपोर्ट पास और बिल दिखाए, फिर भी पुलिस ने जब्त कर लिया
- लाइसेंसी जितेन्द्र सिंह ने जिला आबकारी अधिकारी के पास ज्ञापन दिया
- हिंडौनसिटी आबकारी निरीक्षक ने 1 नवंबर 2023 को तथ्यात्मक रिपोर्ट दी
- इसमें बताया कि जब्त मदिरा के बैच नंबर RSBCL गोदाम से ही जारी हुए
- ऐसे में पुलिस कार्रवाई को गलत मानते हुए DEO ने मदिरा छोड़ने के आदेश दिए

इन दोनों मामलों में पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा है. वहीं अब आबकारी विभाग के फील्ड अधिकारी यह मांग कर रहे हैं कि वैध मदिरा परिवहन को अवैध बताने की पुलिस की जबरन कार्रवाईयां रुकनी चाहिए.

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