राजेन्द्र राठौड़ (Rajendra Rathod On REET) ने एसओजी के काम की तारीफ करते हुए कहा कि एसओजी (SOG) तत्काल प्रभाव से यह पूछताछ करे कि रीट पेपर लीक मामले (REET Paper Leak Case) में राजनीतिक संरक्षण में कौन-कौन वो बड़े किरदार हैं, जिन्होंने पेपर लीक करवाकर लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है?
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Jaipur: राजेन्द्र राठौड़ (Rajendra Rathod On REET) ने एसओजी के काम की तारीफ करते हुए कहा कि एसओजी (SOG) तत्काल प्रभाव से यह पूछताछ करे कि रीट पेपर लीक मामले (REET Paper Leak Case) में राजनीतिक संरक्षण में कौन-कौन वो बड़े किरदार हैं, जिन्होंने पेपर लीक करवाकर लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है?
राठौड़ (Rajendra Rathod On REET Paper Leak) ने रीट पेपर लीक मामले में चौतरफा घिरने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) बजट सत्र में नकल और पेपर लीक के संबंध में कठोर प्रावधान लाने की बात कह रहे हैं, लेकिन अगर मुख्यमंत्री ने पिछले साल 17 अक्टूबर 2021 को ही नया नकल अध्यादेश लाने की घोषणा को अमलीजामा पहनाया होता तो आज पेपर माफियाओं में भी खौफ रहता और भर्ती प्रक्रियाओं में प्रश्नचिन्ह नहीं लगता.
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राठौड़ ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए ट्वीट भी किया और कहा कि सरकार के मुखिया रीट पेपर लीक प्रकरण में विपक्ष पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन वे खुद युवाओं के भविष्य के प्रति जरा भी सजग और गंभीर होते तो रीट के अलावा लाइब्रेरियन, एसआई और जेईएन भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक नहीं हुए होते और युवाओं को सड़कों पर उतरना नहीं पड़ता.
राठौड़ ने कहा कि पिछले 3 वर्ष में कई भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक होना अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धि है. रीट पेपर को सुनियोजित साजिश के तहत डीपी जारोली और उनके साथी प्रदीप पाराशर जिन्हें गैर सरकारी व्यक्ति होते हुए जयपुर जिला को-ऑर्डिनेटर बनाया गया. राजनीतिक आकाओं की सरपरस्ती में लीक करवाया गया जिसके तार मंत्रिमंडल तक जा रहे हैं. सरकार को दोषियों को बर्खास्त करने के साथ ही उन्हें तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए.