प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर लगे वैट को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है.
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Chomu: प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर लगे वैट को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है. एक तरफ बीजेपी (BJP) पेट्रोल-डीजल का वैट कम करने की मांग कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र को लेकर बीजेपी ने तंज कसा है.
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भाजपा प्रदेश मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा (Ramlal Sharma) ने कहा की मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री जरूर है लेकिन वह अर्थशास्त्री नहीं है और जिस तरीके का उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा है, वह पत्र इस बात को साबित करता है कि आखिरकार इनको सलाह कौन दे रहा है.
एक आम आदमी भी इस बात को जानता है कि राज्य से सीमावर्ती जितने भी राज्य हैं, चाहे पंजाब हो, हरियाणा हो, उत्तर प्रदेश हो, गुजरात हो, चाहे मध्य प्रदेश हो. इन प्रदेशों में डीजल और पेट्रोल के दाम वैट कम होने की वजह से कम है. वहीं, उन्होंने कहा कि राजस्थान में वैट अधिक होने की वजह से यहां डीजल और पेट्रोल के दाम अधिक है.
एक तरफ राजस्व घाटा भी वैट अधिक होने से हो रहा है और दूसरी तरफ डीजल-पेट्रोल (Diesel-Petrol) की कालाबाजारी भी हो रही है. आम आदमी की धारणा यह है कि राजस्थान (Rajasthan news) में डीजल और पेट्रोल लेने वाले उपभोक्ता अधिकांशत दूसरे राज्यों से डीजल और पेट्रोल खरीदना पसंद करते हैं.
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जयपुर चितौड़गढ़ ट्रांसपोर्टस भी गुजरात (Gujarat) से डीजल भरवाना पसंद कर रहे, तो दूसरी तरफ हरियाणा (Haryana) से डीजल-पेट्रोल लिया जा रहा है. रामलाल शर्मा ने कहा प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी जिद्द को छोड़कर राजस्थान की जनता को लाभ पहुंचाने के लिए वैट को कम करने का काम करें ताकि आमजन को राहत मिले.