खुशी और गम के लिहाज से पूरे विश्व में एक सर्वे रिकॉर्ड सामने आया है. विकिपीडिया पर मिले इस सर्वे के ऊपर नजर डाली जाए तो विश्व के 153 देशों पर हुए सर्वे में खुशी के लिहाज से देखा जाए तो भारत 140 से नंबर पर अपनी जगह बनाता नजर आता है.
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Jaipur: खुशी और गम के लिहाज से पूरे विश्व में एक सर्वे रिकॉर्ड सामने आया है. विकिपीडिया पर मिले इस सर्वे के ऊपर नजर डाली जाए तो विश्व के 153 देशों पर हुए सर्वे में खुशी के लिहाज से देखा जाए तो भारत 140 से नंबर पर अपनी जगह बनाता नजर आता है. इससे यह साबित होता है कि भारत के लोग ज्यादा खुश नहीं है. जबकि इसी सर्वे में फिनलैंड को पहले स्थान पर रखा गया है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि फिनलैंड के लोग अपने रोजमर्रा की जिंदगी से बहुत खुश हैं, लेकिन भारत में लोग मानसिक अवसाद में रहते हैं. इसलिए जिससे इस सर्वे रिपोर्ट में भारत को 140 स्थान पर रहना पड़ा.
एक सर्वे रिपोर्ट देखने के बाद डॉ ज्योत्स्ना भाटी जो माइंड केयर पर काम कर रही है. उन्होंने इस पर एक रिसर्च किया और इस रिसर्च में कुछ चौंकाने वाले पहलू भी सामने आए. आखिरकार भारत के लोग खुश क्यों नहीं है. भारत के लोग परेशान या मानसिक रूप से परेशान क्यों है. इस पर ज्योत्स्ना भाटी बताती हैं कि दिमाग में एक विशेष प्रकार का केमिकल होता है. जिसका नाम Dopanie है. मस्तिष्क में जब इस केमिकल की मात्रा बढ़ जाती है. तो निश्चित तौर पर व्यक्ति खुशी से झूम उठता है. लेकिन भारत के लोगों में तनाव ज्यादा होने की वजह से इस केमिकल की मात्रा कम हो जाती है. इसी की वजह से भारत के लोग ज्यादा खुश नहीं रह पाते हैं. उधर फिनलैंड की बात की जाए तो वहां के लोगों में मानसिक तनाव नहीं होने की वजह से इस केमिकल की मात्रा मस्तिष्क में ज्यादा मिलती है. इस वजह से वे अधिक खुश हैं.
भारत के लोगों को खुश रखने के लिए डॉ ज्योत्स्ना भाटी ने अपने रिसर्च के मुताबिक कुछ सुझाव दिए हैं. वह बताती है कि अगर इन सुझावों को मान कर अगर व्यक्ति गम्भीरता से काम करें तो शायद खुशी का ग्राफ बढ़ सकता है.
आइए अब आपको बताते हैं क्या है वे सुझाव जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी हैं.
1.अपने आप को पर्यावरण से जोड़कर रखना
2. घर परिवार में माता पिता के साथ साथ परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बेहतरीन तालमेल रखना.
3. प्रार्थना अथवा ध्यान करना भी महत्वपूर्ण सुझाव है.
4. प्रत्येक व्यक्ति को अपने सकारात्मक और नकारात्मक विचार एक डायरी में लिखने चाहिए. जैसा की फिनलैंड जैसे अन्य देशों के लोग भी करते हैं.
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