Rajasthan News : राजस्थान में इन दिनों दो यात्रा निकल रही है. राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा और बीजेपी की जन आक्रोश रैली. केसी वेणुगोपाल ने दो दिन पहले जयपुर में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सीजफायर करवा दिया है. लेकिन अब 1 दिसंबर को जयपुर ( Jaipur ) दौरे में क्या जेपी नड्डा ( JP Nadda ) बीजेपी में वसुंधरा राजे, सतीश पूनिया समेत कई धड़ों के बीच एकता कराने में कामयाब होंगे और क्या कोई बड़ा फैसला होगा.
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Rajasthan News : बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 1 दिसंबर को राजस्थान में जन आक्रोश रैली के 51 रथों को रवाना करेंगे. हाल ही में कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जयपुर में भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बैठक ली. जिसके बाद अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच एकता वाली तस्वीरें भी सामने आई. बताया जाता है कि वेणुगोपाल ने साफ संदेश दिया कि अब अगर किसी भी मंत्री, विधायक या नेता ने बयानबाजी की तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे में अब सवाल ये भी है कि क्या जेपी नड्डा जयपुर आ रहे है तो वसुंधरा राज, सतीश पूनिया से लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत जैसे तमाम नेताओं के बीच एकता स्थापित करने और पार्टी की गुटबाजी खत्म करने के लिए कोई सख्त संदेश देंगे.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की राजस्थान में एंट्री से पहले कांग्रेस में माना जा रहा है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुटों के बीच की नाराजगी काफी हद तक कम करने में केसी वेणुगोपाल कामयाब रहे है. ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में भी उत्साह बढ़ा है और माना जा रहा है कि यात्रा काफी सफल होगी. इधर भाजपा भी राजस्थान सरकार के खिलाफ जन आक्रोश रैली निकाल रही है. 51 रथ 14 दिनों तक राजस्थान के गांव गांव तक जाएंगे और गहलोत सरकार के खिलाफ जनता से संपर्क करेंगे. लेकिन भाजपा की जन आक्रोश रैली को कामयाब बनाने के लिए क्या जेपी नड्डा इस दौरे में पार्टी नेतृत्व को एकजुट करने में कायमाब होंगे ?
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भाजपा की कोशिश है कि वो इन 14 दिनों में प्रदेश के 2 करोड़ लोगों तक पहुंचेगी और राज्य की सभी 200 विधानसभा सीटों को कवर किया जाएगा. राजस्थान विधानसभा 2023 से ठीक एक साल पहले बीजेपी की ये रैली काफी अहम मानी जा रही है. लेकिन इसे कामयाब करने के लिए जरुरी है कि वसुंधरा राजे से लेकर सतीश पूनिया और गजेंद्र सिंह शेखावत से लेकर गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया जैसे तमाम सीनियर नेता एकजुट होकर इसे कामयाब बनाए. एकजुटता कितनी होती है इस लिहाज से जेपी नड्डा के इस दौरे पर सबकी नजरें है.