डॉ. पूनिया ने कहा कि बिगड़ी कानून व्यवस्था से ऐसा लगता है कि अशोक गहलोत के राज में राजनीतिक संरक्षण में थानों की नीलामी होती है.
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जयपुर: धौलपुर में महिला के साथ गैंगरेप की घटना पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने तल्ख टिप्पणी की है. पूनिया ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे मुख्यमंत्री को किसी अबला की अस्मत से ज्यादा सिर्फ खुद की कुर्सी की चिंता है.इस तरह की घटना से राजस्थान एक बार फिर से शर्मसार हुआ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शासन में ऐसा लगता है कि अपराधियों का तालिबानी शासन जारी है.
पूनिया ने कहा कि धौलपुर के कंचनपुर थाना क्षेत्र में खेत से लौट रही एक विवाहिता को गन पॉइंट पर लेकर उसके बच्चों व पति के सामने गैंगरेप किया गया और पुलिस अभी तक आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर पाई है. राजनीतिक संरक्षण की वजह से अपराधी और पुलिस दोनों इस सरकार में फल फूल रहे हैं. प्रदेश में दलित महिला के साथ उत्पीड़न की यह पहली घटना नहीं है. ऐसी हजारों वारदात हो चुकी हैं.
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एक साल में 6 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए
अलवर जिले के थानागाजी में वर्ष 2019 में गैंगरेप की वारदात से लेकर और हाल ही में अलवर की निर्भया की घटना तक एक लंबी फेहरिस्त है. कांग्रेस सरकार के 3 वर्ष से अधिक के शासन में 6 लाख 51 हजार से अधिक दर्ज मुकदमों में मुकदमा दर मुकदमा और अपराध दर अपराध बढ़ते चले गए, यही कारण है कि 2021 से लेकर 2022 तक के 1 वर्ष में 6337 मामले दर्ज हुए महिलाओं के साथ दुष्कर्म, उत्पीड़न और अनाचार की वारदात बढ़ती जा रही है.
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गहलोत के राज में थानों की नीलामी हो रही- पूनिया
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अशोक गहलोत के शासन में ना केवल राजस्थान की कानून व्यवस्था ध्वस्त हुई है, ऐसा लगता है कि उन्हें किसी अबला की अस्मत बचाने की फिक्र नहीं है, उन्हें फिक्र है अपनी कुर्सी बचाने की. पूनिया ने कहा कि राज्य में सारी नैतिकता ताक पर रख दी गई और कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल हो चुकी है, ऐसा लगता है कि अशोक गहलोत के राज में राजनीतिक संरक्षण में थानों की नीलामी होती है, पुलिस का मनोबल गिरा हुआ है, बिगड़ी कानून व्यवस्था से अपराधी बेखौफ और आमजन असुरक्षित हैं, यह बानगी है अशोक गहलोत के शासन की.