Si Paper Leak Case: राजस्थान में ऐसे हुआ SI भर्ती परीक्षा 2021 का पेपर लीक, अभी कई चेहरे बेनकाब होना बाकी
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Si Paper Leak Case: राजस्थान में ऐसे हुआ SI भर्ती परीक्षा 2021 का पेपर लीक, अभी कई चेहरे बेनकाब होना बाकी

SI भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक प्रकरण में SOG की जांच लगातार जारी है और गिरफ्तार किए गए 14 ट्रेनी SI सहित 15 आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 6 दिन की रिमांड पर लिया गया है. गिरफ्त में आए आरोपियों से लगातार पूछताछ जारी है और फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही ह

Si Paper Leak Case: राजस्थान में ऐसे हुआ SI भर्ती परीक्षा 2021 का पेपर लीक, अभी कई चेहरे बेनकाब होना बाकी

Rajasthan Si Paper Leak Case : SI भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक प्रकरण में SOG की जांच लगातार जारी है और गिरफ्तार किए गए 14 ट्रेनी SI सहित 15 आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 6 दिन की रिमांड पर लिया गया है.

गिरफ्त में आए आरोपियों से लगातार पूछताछ जारी है और फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. पेपर लीक प्रकरण की इनसाइड स्टोरी कि यदि बात करें तो कई तरह की तथ्य निकल कर सामने आ रहे हैं. आरपीएससी द्वारा पहली बार तीन दिन तक SI भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया. पहली बार के प्रयोग में ही आरपीएससी फेल हो गई और पेपर लीक हो गया.

इसे संयोग कहा जाए या कुछ और की जयपुर स्थित जिस स्कूल से पेपर लीक हुआ उस स्कूल का संचालक आरपीएससी के चेयरमैन का समधी है. स्कूल संचालक आरडी वर्मा आरपीएससी चेयरमैन एमएल कुमावत के समाधि हैं, हालांकि पेपर लीक प्रकरण में अब तक संचालक की किसी भी तरह की कोई भूमिका उजागर नहीं हुई है.

हालांकि स्कूल में ही कार्यरत राजेश खंडेलवाल ने नकल गिरोह से मिलकर पेपर लीक की पूरी साजिश रची। पिपली गुरु के सदस्य यूनिक भांभू ने राजेश खंडेलवाल से डील कर खुद की ड्यूटी विक्षक के तौर पर राजीव बाल भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लगवाई. इसके लिए भांभू ने राजेश को 10 लाख रुपए दिए.

भांभू के साथ ही गिरोह के शिवरतन मोठ की ड्यूटी इनविजीलेटर के रूप में स्कूल में लगवाई गई. पेपर शुरू होने से 2 घंटे पहले ही भांभू स्ट्रांग रूम के पास बनी कोटडी में छिप गया जहां से पेपर लीक कर उसकी फोटो खींच उसने गैंग के सरगना जगदीश विश्नोई को भेजी.

SOG के अधिकारी ने बताया कि 13 से लेकर 15 तारीख तक पेपर का आयोजन किया गया लेकिन पेपर 14 और 15 तारीख को लीक हुआ. हालांकि गिरोह के सदस्यों ने 13 तारीख को भी पेपर लीक करने की कोशिश की थी लेकिन उस दिन यूनिक भांभू सेंटर पर लेट पहुंचा जिसके चलते उस दिन पेपर लीक करने में सफल नहीं हो सका.

14 तारीख को पेपर शुरू होने से 2 घंटे पहले ही भांभू सेंटर पर पहुंच गया जहां उसे राजेश खंडेलवाल ने स्ट्रांग रूम के पास बनी कोटडी में छुपा दिया. भांभू कोटडी में बंद रहता तो वहीं शिवरतन मोठ स्ट्रांग रूम के बाहर आने–जाने वाले लोगों की निगरानी में तैनात रहता.

मोठ को निगरानी रखने के साथ ही स्कूल में आने वाली फ्लाइंग को रिस्पांस करने की जिम्मेदारी भी दी गई. ताज्जुब की बात यह है कि कागजों में मोठ की ड्यूटी सेंटर पर लगाई ही नहीं गई वह भांभू की जगह पर काम कर रहा था। स्कूल में फ्लाइंग आने पर उसे खुद का नाम यूनिक भांभू बताने के लिए ही कहा गया. इस काम के लिए भांभू ने मोठ को 3 लाख रुपए दिए.

यूनिक भांभू ने स्ट्रांग रूम से पेपर लेकर उसकी फोटो अपने मोबाइल पर क्लिक की और उसे गिरोह के सरगना जगदीश विश्नोई को सॉल्व करने के लिए व्हाट्सएप कर दिया.

जगदीश विश्नोई ने स्वयं और गिरोह के एक अन्य सदस्य ने पेपर सॉल्व किया. इसके बाद सॉल्व पेपर को एक ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किया जिसमें गिरोह के दर्जनों साइट हैंडलर्स जुड़े हुए थे. साइट हैंडलर्स उस सॉल्व पेपर को अभ्यर्थियों को पेपर से पहले पढ़वाते.

यह काम अभ्यर्थियों के एग्जाम सेंटर के पास किया जाता और फिर साइट हैंडलर ही अभ्यर्थियों को एग्जाम सेंटर तक छोड़ने जाते. गिरोह के सदस्यों ने पेपर लीक करने के लिए मात्र 13 लाख रुपए की राशि खर्च की और सैकड़ो की तादाद में अभ्यर्थियों को पेपर उपलब्ध करा करोड़ों रुपए कमा लिए.

सूत्रों की माने तो SOG की जांच में यह बात भी सामने आई है कि गिरोह द्वारा सॉल्वड पेपर उपलब्ध कराए जाने के बाद भी 100 अभ्यर्थी ऐसे भी थे जो प्रश्नों का उत्तर रटने में असमर्थ थे। उन्हें परीक्षा पास करने के लिए गिरोह ने डमी कैंडिडेट उपलब्ध कराए और इसके लिए उनसे अतिरिक्त चार्ज वसूला गया.

डमी कैंडिडेट के दम पर सभी ने रिटन टेस्ट पास किया. इस बात की पुष्टि के लिए अब SOG अभ्यर्थी की हैंडराइटिंग और रिटन टेस्ट में लिखी गई हैंडराइटिंग का मिलान करने के लिए FSL जांच करवाएगी. वहीं पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तार किए गए 14 ट्रेनी SI में नागौर डीएसपी ओमप्रकाश गोदारा का बेटा करणपाल गोदारा भी शामिल है.

जिसने इस परीक्षा में 22वीं रैंक हासिल की, वहीं गैंग के सदस्य यूनिक भांभू का भाई विवेक भांभू भी गिरफ्तार ट्रेनी SI में शामिल है जिसने परीक्षा में 24वीं रैंक हासिल की। हालांकि प्रकरण में गिरफ्तार किए गए तमाम आरोपियों से पूछताछ जारी है और फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.

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SI भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक प्रकरण का खुलासा करने के बाद देखना होगा कि SOG और कितने चेहरों को बेनकाब करती है. इसके साथ ही गिरोह के फरार चल रहे हैं अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर और क्या बड़ा खुलासा करती है.

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