दो 'पायलट' की नाव पर सवार है सरकार, राजस्थान की छवि को कट्टरता में बदला गया - सुधांशु त्रिवेदी
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दो 'पायलट' की नाव पर सवार है सरकार, राजस्थान की छवि को कट्टरता में बदला गया - सुधांशु त्रिवेदी

प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ चल रही जन आक्रोश यात्रा के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला.त्रिवेदी ने कहा कि राजस्थान की गौरवशाली, समृद्ध और शंतिप्रिय राज्य की थी, उसे गहलोत सरकार के 4 साल के शासन में बदहाली, अराजकता और कट्टरता में दहकता बना दिया है.

दो 'पायलट' की नाव पर सवार है सरकार, राजस्थान की छवि को कट्टरता में बदला गया - सुधांशु त्रिवेदी

जयपुर: बीजेपी कार्यालय में राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि शांति समृद्धी और भारत के राष्ट्र गौरव को प्रकट करता हुआ दमकता हुआ राजस्थान हाेता था,लेकिन अशोक गहलोत सरकार के इन चार साल के शासन के बाद बदहाली अराजकता और खतरनाक कट्टरता में दहकता राजस्थान दिखाई पड़ रहा है. राजस्थान सरकार विश्वसनीयता के संकट की प्रतीक हो गई है. राजनीति में क्राइसिस ऑफ क्रेडिबिलिटी का सबसे बड़ा उदाहरण राजस्थान सरकार है.

कांग्रेस ने घोषणा पत्र कहा था कि देश द्रोह का कानून खत्म कर देंगे, लेकिन सरकार ने उसका उपयोग आतंकियों के खिलाफ नहीं बल्कि अपने ही विधायकों और उपमुख्यमंत्री के खिलाफ किया.यह अपने आप में विश्वसनीयता के संकट का सबसे बड़ा उदाहरण है.बेरोजगारों को पेपर लीक की श्रृंखला मिली है.

तथ्य संकेत साफ इशारा करते हैं कि पेपरलीक मामलों में सरकार पहले से कार्रवाई कर सकती है, लेकिन आराेपी परोक्ष या अपरोक्ष रूप से सरकार से जुड़े दिखाई पड़ते हैं.राजस्थान में 4 सालके शासन के दौरान एक के बाद एक पेपर लीक हो रहे हैं और पेपर लीक मामले में परोक्ष रूप से कई ऐसे लोग भी हैं जो सरकार और मुख्यमंत्री से जुड़े हुए हैं , लेकिन सरकार उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है .

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गहलोत सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह खत्म- त्रिवेदी

त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि दुख की बात यह है कि राजस्थान में कभी कानून व्यवस्था को लकेर इतनी बड़ी चुनौती नहीं थी, जितनी इस सरकार के समय में है.आज किसी के भी साथ चाहे महिलाओं के साथ अपराध बढ़ रहे हैं.इतना ही नहीं एम्बुलेंस और पुलिस कार्यालय में महिलाओं से दुष्कर्म हो रहे हैं, ऐसी स्थिति राजस्थान में कभी कल्पना नहीं की जा सकती थी.कट्टरपंथी शक्तियों को प्रश्रय देना, पीएफआई को रैली निकालने की मंजूरी देना, किसी का सिर कलम कर देना.पार्टी कहती है कि हम गांधीजी की अहिंसा के होलसोल कॉपीराइट होल्डर हैं , इतनी घनघोर हिंसा किे बाद मुंह में दही जमाकर बैठते हैं.तो जनता के मन में आक्रोश होना स्वाभाविक है.

त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश में 4 साल में जिस तरह के माहौल में कांग्रेस के विधायक चल रहे हैं वह बता रहे कि किस तरीके से अस्थिरता के माहौल में सरकार चल रही है.यह सरकार दो पायलट की नाव पर सवार है.अब यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि कोई सरकार को आगे ले जाएगा, लेकिन सरकार के जहाज का डूबना तय है.

कांग्रेस का पेपर लीक, राष्ट्रीय अध्यक्ष दावेदार ने कर दी बगावत 

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पेपर लीक के मामले में राजस्थान कांग्रेस ने भी बहुत बडा रिकॉर्ड बनाया है.एक पेपर लीक हो गया कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पेपर लीक हो गया कि अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने वाले हैं, इस पार्टी ने इस मामले में आंतरिक लोकतंत्र का जो उदाहरण प्रस्तुत किया वो भारत की राजनीति में .नहीं मिलेगा.जो संभावित राष्ट्रीय अध्यक्ष था वो बागी हो गया, अदभुद उदाहरण यह किसी पार्टी में नहीं मिलेगा.पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष व विधानसभा अध्यक्ष भी उसी श्रेणी में आ गए.जो ऑब्जर्वर बनकर आए बेबसी से देखने लगे लेकिन कोई मिलने नही गया ऐसी बेबसी केंद्रीय नेतृत्व की नहीं देखने को नहीं मिलेगी.कोई अपशब्द बोलने लगा कोई एजेंडा से कोई अलाइमेंट बिगड गया.अजीब आंतरिक लोकतंत्र है .

बीजेपी में फूट पर साधी चुप्पी

राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने राजस्थान बीजेपी में अलग अलग गुट होने तथा लोगों की नाराजगी पर कुछ भी नहीं बोला.वहीं नागौर में 12 बीजेपी पदाधिकारियों के इस्तीफे पर भी कहा कि हमारे यहां नजरों की फेर के कारण नजर आता है वहां तो सामने के नजर आता है.वहां तो ऐसा नजर आता है कि बचने की गुंजायश ही नजर नहीं आती.राजस्थान मतें स्थिति है उक्ति जैसी है चलती चक्की देखकर दिया कबीरा रोय दो पाटन के बीच साबूत बचे न कोय.मुझे लग रहा है कि वो तो साबूत बचे या नहीं बचे लेकिन राजस्थान की जनता को जरूर पीस रहे हैं इससे मुक्ति बहुत शीघ्र मिले.

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