राहुल के ''जय सियाराम'' पर सुधांशु त्रिवेदी का कटाक्ष, बोले- राहुल गांधी पूरी तरह कन्फ्यूज
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राहुल के ''जय सियाराम'' पर सुधांशु त्रिवेदी का कटाक्ष, बोले- राहुल गांधी पूरी तरह कन्फ्यूज

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जय सियाराम के नारे को लेकर चल रही सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल का नाम लिए बगैर कटाक्ष किया कि बालक बुद्धि शब्द पर कई राज्यों में असंसदीय मानते हुए रोक लगाई है, लेकिन जनता समझदार है.

राहुल के ''जय सियाराम'' पर सुधांशु त्रिवेदी का कटाक्ष, बोले- राहुल गांधी पूरी तरह कन्फ्यूज

जयपुर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जय सियाराम के नारे को लेकर चल रही सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल का नाम लिए बगैर कटाक्ष किया कि बालक बुद्धि शब्द पर कई राज्यों में असंसदीय मानते हुए रोक लगाई है, लेकिन जनता समझदार है. बीजेपी जयश्रीराम बोल रही है, क्योंकि अभी रामलाला का मंदिर बन रहा है, बडे होकर राजाराम बनेंगे फिर सीता आएगी. अभी राम बालक हैं, इसलिए जयश्रीराम बोला जाता है, लेकिन यह उनके समझ में नहीं आएगा. वहीं, त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी पूरी तरह कफ्यूज हैं.

राम अभी बालक हैं, सीता आएंगी तो सियाराम बोला जाएगा- त्रिवेदी

बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में एक सवाल के जवाब में सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब अयोध्या में आंदोलन हो रहा था. वह राम जन्मभूमि को लेकर हो रहा था. उस वक्त नारा यही था कि राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे. जब मंदिर बनेगा तो राम का जन्म होगा. तभी तो बालक राम आएंगे. जब राजा राम बनेंगे तब ही तो सीता आएंगी. इस लिए जब सीता नहीं है तो जयश्रीराम राम होगा. त्रिवेदी ने दोहरा कर कहा कि बाल बुद्धि शब्द को असंसदीय घोषित कर दिया है. जनता स्वयं समझ रही है.

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राहुल अपनी छवि खुद खराब कर रहे हैं- त्रिवेदी

बीजेपी पर राहुल की छवि खराब करने के आरोप के सवाल पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि लोकसभा के 2019 चुनाव में कांग्रेस के प्रमुख नेता चौधरी कुंभाराम के नाम पर गहलोत ने लागू की थी. उसे राहुल गांधी एक बार नहीं तीन बार कुंभकर्ण योजना बोल गए, अब बताइए कि भारत में जो पैदा हुआ है भला बोलेगा क्या कि कुंभकर्ण के नाम से योजना हाे सकती है. यह हमने किया है क्या ‌? हमने छवि खत्म करने का काम नहीं किया, बल्कि वो खुद ही अपने हाथों से कर रहे हैं. कर्नाटक में विश्वैसरैया का मामला हो या अभी यूपी में कन्फ्यूज का.

त्रिवेदी ने कहा कि हाल ही राहुल गांधी ने इंटरव्यू दिया है कन्फ्यूजन काे लेकर. अधिक महत्व इसलिए भी है जयपुर की धरती से ही कन्फ्यूजन की शुरुआत हुई थी. जयपुर में महंगाई को लेकर रैली थी और भाषण हिंदूत्व पर दिया. पहले तो वो हिंदू बनाम हिंदुत्व पर ही कन्फयूजन रहते थे, अब महंगाई बनाम हिंदूत्व में कन्फ्यूज. अर्थ व्यवस्था में भी कन्फयूजन हाे जाते हैं. भारत मोबाइल का सबसे बडा एक्सपोर्टर बनता है , वो कहते हैं कि मैन्यूफैक्चरिंग नहीं हो रही है. हम विमान युद्धपोत बना लेते हैं वो कहतें कुछ नहीं हो रहा है. कन्फ्यूज होंगे क्यों नहीं, इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति जो एक गेटअप बदलने वाला प्रख्यात अभिनेता को यह पता नहीं चोल राजा हिंदू थे, कन्फ्यूजन की पराकाष्ठा है.

जयपुर में महंगाई पर रैली हुई, लेकिन वो दस मिनट तक हिंदू बनाम हिंदुत्व पर बोलते रहे, महाराष्ट्र में जाकर वीर सावरकर के खिलाफ बोलना, तमिलनाडु में पादी जॉर्ज भुनैया के पास जाना, जा कहता है कि वो जूते इसलिए पहनता है कि उसके पैर भारत की अपवित्र धरती से नहीं दू जाए. करेल में फादर जोजेफ के घर क्यों नहीं गए, जिनके हाथ कट्टरपंथियों ने काटे थे. ये कुछ उदाहरण भर हैं जिससे साफ है कि हमें कुछ करने की जरूरत नहीं है, जो किया उन्होंने स्वयं के हाथों से किया है, उन्हें करना है.

चिर युवा चिर व्याकुल, सुनते नहीं है

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी भारतीय राजनीति के चिर युवा हैं, चिर व्याकुल हैं. पचास वर्ष के बाद भी वो एक युवा हैं, भारत जोड़ो यात्रा में उनके साथ एक 35 वर्षीय छात्र नेता चलता है.युवा बालक बड़ा हो जाता है तो वो किसी की सुनता थोड़े ही है. भारतीय रानजीति के चिर युवा हैं चिर व्याकुल हैं. पचास वर्ष के बाद युवा हैं, एक 35 वर्ष का छात्र नेता साथ चलता है युवा बालक बड़े हो जाते हैं वो किसी की सुनता थोड़े ही है.

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