आदिवासियों से जंगल छीनना सबसे बड़ा अपराध, निजीकरण सही नहीं-परसादी लाल मीणा
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आदिवासियों से जंगल छीनना सबसे बड़ा अपराध, निजीकरण सही नहीं-परसादी लाल मीणा

अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद (Akhil Bhartiya Adiwashi Vikas Parishar) के 16 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में कैबिनेट मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना था कि केंद्र सरकार आदिवासियों के लिए कई योजनाए संचालित कर रही है, लेकिन उनका लाभ अंतिम छोर तक बैठे व्यक्तियों तक नहीं पहुंच पाता.

अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद का 16 वां राष्ट्रीय सम्मेलन.

Jaipur: कहने को तो आदिवासियों के पुर्नत्थान के लिए केंद्र और राज्य सरकारे कई योजनाएं चला रही है लेकिन आज तक उन योजनाओं का लाभ आदिवासी समाज के लोगों तक नहीं पहुंच पाता है. यहां तक की आदिवासियों को जंगल छोड़ने का मजबूर किया जाता था, आरक्षण का लाभ पूरा नहीं मिल पाता. इसके साथ आदिवासी आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया गया. कुछ ऐसे ही गंभीर मुद्दों को लेकर आदिवासी समाज का आज जयपुर में राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ, जिसमें देशभर से आए समाज के बुद्धिजीवियों ने समाज के पुर्नत्थान के लिए चर्चा की. कार्यक्रम समाज और सरकार की ओर से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा शामिल हुए.

अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद (Akhil Bhartiya Adiwashi Vikas Parishar) के 16 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में कैबिनेट मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना था कि केंद्र सरकार आदिवासियों के लिए कई योजनाए संचालित कर रही है, लेकिन उनका लाभ अंतिम छोर तक बैठे व्यक्तियों तक नहीं पहुंच पाता. इसके लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी. इसके साथ साथ निजीकरण देश में सबसे बड़ी समस्या है. इसके लिए भी केंद्र सरकार से मांग की जाएगी कि हर क्षेत्र का निजीकरण ना हो. वहीं सबसे अहम बात ये है कि आदिवासियों से जगह छीने जा रहे हैं. इसके लिए समाज और सरकार मांग करेगा कि आदिवासियों से उनका हक ना छीना जाए.

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परिषद के प्रदेश अध्यक्ष केसी घुमरिया का कहना था कि केंद्र और राज्य सरकार ने समाज के लिए अनुसूचित आयोग तो बना दिया लेकिन इस आयोग को संवैधानिक शक्तियां नहीं दी गई. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि बैकलॉग के खाली पड़े पदों को भरा जाए. आदिवासी धरोहर की रक्षा की जाए और जयपुर, जोधपुर और उदयपुर आदिवासी भवनों की स्थापना की जाए, ताकि समाज के लोगों को इस भवन के माध्यम से योजनाएं और दूसरी जानकारी मिल सके.

आदिवासियों का यह सम्मेलन हर वर्ष होता था लेकिन कोरोना और दूसरी वजहों से चार साल बाद यह सम्मेलन आयोजित हुआ. इस सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा, पूर्व सांसद और परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमजीभाई डामोर समेत कई राज्यों के पूर्व मंत्री शामिल हुए. हालांकि इस कार्यक्रम में सीएम गहलोत का आना भी प्रस्तावित था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों के चलते सीएम कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए. हांलाकि सीएम ने कार्यक्रम की शुभकामनाएं दी और सीएम में प्रतिनिधि मंडल को आने का न्यौता दिया.

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