नाम 'प्रकाश' लेकिन 'लाइम लाइट' से दूर, जयपुर कलेक्टर ने गाड़ी से हटवाई मल्टीकलर लाइट
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नाम 'प्रकाश' लेकिन 'लाइम लाइट' से दूर, जयपुर कलेक्टर ने गाड़ी से हटवाई मल्टीकलर लाइट

जयपुर कलेक्टर का नाम भले ही प्रकाश हो लेकिन लाइम लाइट से दूर रहने के उनके चर्चित अन्दाज के मुताबिक ही उन्होंने अपनी कार्यशैली से जयपुर में कामकाज का आगाज कर दिया है. 

जयपुर कलेक्टर

Jaipur: जयपुर कलेक्टर का नाम भले ही प्रकाश हो लेकिन लाइम लाइट से दूर रहने के उनके चर्चित अन्दाज के मुताबिक ही उन्होंने अपनी कार्यशैली से जयपुर में कामकाज का आगाज कर दिया है. सबसे पहले कलेक्टर ने वीआईपी संस्कृति की परिचायक बन चुकी मल्टीकलर लाइट्स को अपनी गाड़ी से हटवा दिया है. 

हटाया गया पर्ची सिस्टम
हालांकि लॉ एण्ड ऑर्डर के मामले में मोर्चा संभालते वक्त इस लाइट का इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसके साथ ही कलेक्टर दफ्तर को अफसरी की बजाय आम फरियादी की गुहार की सुनवाई वाली जगह के रूप में पहचान स्थापित करने की कवायद भी शुरू हो गई है. कलेक्टर दफ्तर से अब फरियादियों के लिए पर्ची सिस्टम हटाकर सबके लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं.

अक्सर चर्चाओं में रहते है राजपुरोहित
आईएएस अफसर अपनी अनूठी पहल और फैसलों से अक्सर चर्चाओं में रहते हैं, ऐसी ही चर्चा इन दिनों जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित की हो रही है. सरकारी गाडी से मल्टी कलर बत्ती, पदनाम प्लेट हटाने से लेकर आमजन के लिए पर्ची सिस्टम खत्म करने की खूब तारीफ हो रही हैं. अब तक कलेक्टर को अपनी समस्या के समाधान की गुहार लगाने के लिए पर्ची देने के सिस्टम को राजपुरोहित ने खत्म कर दिया है. अपनी सादगी, ईमानदारी और टाइम के पंचुअल राजपुरोहित की पहचान है. 

आमजन के लिए खुलवा दिए अपने कक्ष के द्वार
कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने पदभार संभालने के लिए जिला कलेक्ट्रेट में नई व्यवस्थाएं शुरू कर दी हैं. फरियादियों के लिए हर समय ऑफिस के दरवाजे खुले रखना, उनकी समस्या सुनकर समाधान करना उनकी खासियत है. साथ में खास बात ये भी कि राजपुरोहित को वीआईपी कल्चर बिल्कुल पसंद नही है. पदभार संभालने के साथ ही राजपुरोहित ने अपने कक्ष के द्वार आमजन के लिए खुलवा दिए है. बिना तामझाम और प्रोटोकॉल-पर्ची सिस्टम के कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या को लेकर दिन में जितनी बार चाहे मिल सकता है. 

समय से पहले पहुंच जाते है दफ्तर
साथ में राजपुरोहित ने अपनी सरकारी गाडी से मल्टी कलर बत्ती और पदनाम की प्लेट भी हटा दी है. जरूरत पड़ने पर ही लॉ एण्ड ऑर्डर जैसे मामलों के दौरान मल्टी कलर बत्ती का इस्तेमाल करने के पायलट और गनमैन को निर्देश दिए है. राजपुरोहित सोशल मीडिया और टीवी से दूरी रखते हैं. मीडिया से मिलते लेकिन प्रचार और लाइम लाइट में दूर रहते है. पदभार संभालने के बाद से राजपुरोहित ऑफिस समय से पहले दफ्तर पहुंच जाते हैं और जरूरी फाइलों को निकालने का काम करते हैं.

अपॉइंटमेंट व्यवस्था को किया बंद
कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि वैसे तो अब महीने में जिले में त्रिस्तरीय जनसुनवाई होती है. ग्राम पंचायत से लेकर उपखंड और जिला स्तर पर हर स्तर पर समस्याओं का समाधान किया जाता है. मीटिंगों की व्यवस्था के चलते कई बार जनसुनवाई का समय तय नहीं हो पाता, इसलिए मीटिंगों का समय ऐसा तय किया जा रहा है, जिससे आमजन की समस्याओं को जनसुनवाई के माध्यम से सुना जा सके. इसी के साथ कार्यालय में अपॉइंटमेंट व्यवस्था को बंद कर दिया है.

किसी भी समय करवा सकते है समस्या का समाधान
नई व्यवस्था के तहत जिला कलेक्टर का कार्यालय अब आमजन के लिए हर समय खुला रहेगा. कोई भी अपनी समस्या या शिकायत सीधी कलेक्टर तक आसानी से पहुंचा सकेगा. इससे अब आमजन के जयपुर कलेक्टर के पास अपॉइंटमेंट लेकर आने की आवश्यकता नहीं होगी. फरियादी सुबह 11 से शाम पांच बजे के बीच किसी भी समय अपनी समस्या का समाधान करवा सकते है.

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