प्रदेश में बेसहारा और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के चेहरों पर भी दीपावली (Diwali 2021) की खुशियों की रौनक दिखाई देगी.
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Jaipur: प्रदेश में बेसहारा और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के चेहरों पर भी दीपावली (Diwali 2021) की खुशियों की रौनक दिखाई देगी. कोरोना (Covid 19) में अपने परिजनों को खो चुके और त्यौहार की खुशियों से वंचित, दो जून की रोटी जुटाने की जुगत में लगे बच्चों की दीपावली भी जगमग होगी. राज्य बाल आयोग ने प्रदेश के प्रमुख एनजीओ (NGO) के माध्यम से ऐसे वंचित बच्चों के साथ दीपावली मनाने का निर्णय लिया है.
प्रदेश में कोरोना काल में कई बच्चों ने अपने मां-बाप, परिजन खोए तो कुछ लोगों के रोजगार छूटने से परिवार आर्थिक बोझ में दब गया. वहीं कुछ बेसहारा बच्चे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर जीवन यापन करते हैं. ये बच्चे दीपावली की खुशियां छोड़कर त्यौहार पर भी रोजी-रोटी की जुगत में लगे रहते हैं. इसी तरह चौराहों पर भीख मांगते बच्चों के लिए दीपावली की खुशियों का मतलब ही नहीं होता है. इस बार राजस्थान बाल आयोग ने इन वंचित बच्चों के जीवन में खुशियां भरने का संकल्प लिया है.
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प्रदेशभर के एनजीओ की बैठक में राज्य बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal) ने ऐसे बच्चों के साथ दीपावली बनाने का आह्वान किया. वहीं बेनीवाल ने आम जनता से भी अपील की है कि सब अपने घरों में अपने बच्चों के साथ खुशियों से दिवाली का त्यौहार तो मनाते ही हैं, लेकिन जो बच्चे अपने परिवार को खो चुके हैं और बाल गृहों में रह रहे हैं. उनके लिए भी दिवाली का त्यौहार रोशनी से भरा हो, ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी है. इसके प्रदेशवासियों से उम्मीद है कि दिवाली पर कपड़े , मिठाई, किताबें या अन्य जो संभव हो सके वंचित बच्चों के साथ बांटे, जिससे उनकी दिवाली भी रोशन हो सके.