राजस्थान की वो राजकुमारी जिसके प्यार में अकबर ने छोड़ दिया था गोमांस खाना
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राजस्थान की वो राजकुमारी जिसके प्यार में अकबर ने छोड़ दिया था गोमांस खाना

Rajasthani Princess Harkha Bai : राजस्थान में आमेर के राजा भारमल कछवाहा ने अकबर से मदद मांगी थी. उस जमाने पर राजनैतिक शादियां आम बात थी. ऐसे में राजा भारमल कछवाहा ने अपनी बेटी हरखा की शादी अकबर से करा दी थी. हरखा बाई 
से अकबर इतने प्रभावित थे कि गौ मांस खाना छोड़ दिया था. हरखाबाई का मुगल दरबार में भी दखल था. वो एक मात्र अकबर की रानी थी जिन्हे ये रूतबा हासिल था.

राजस्थान की वो राजकुमारी जिसके प्यार में अकबर ने छोड़ दिया था गोमांस खाना

Rajasthani Princess Harkha Bai : अगर आपने इतिहास की किताबों को नहीं पड़ा हो या फिर आपकी इतिहास में कोई दिलचस्पी नहीं रही हो तो अकबर का नाम लेते ही आपके जहन में सिर्फ एक मूवी घूमती होगी. जोधा-अकबर, इस मूवी में रितिक रोशन ने अकबर और एश्वर्या राय ने जोधा का किरदार निभाया था. जोधा को अकबर की पत्नी बताया गया था.

लेकिन अकबर के जीवन पर  प्रकाशित किताब ‘अल्लाहु अकबर: अंडरस्टैंडिंग द ग्रेट मुगल इन टुडेज इंडिया के लेखक मणिमुग्ध एस शर्मा इस बात को खारिज कर चुके हैं. उनके मुताबिक अकबर की चौथी पत्नी का नाम हीराकंवर यानि की हरखा बाई था. हरखा बाई जो आमेर की राजकुमारी थी. 

राजस्थान में आमेर एक छोटी रियासत हुआ करती थी. जहा सत्ता का संघर्ष जारी था. आमेर के राजा भारमल कछवाहा और उनके भाई पूरनमल के बीच लंबे वक्त से संघर्ष चल रहा था. पूरनमल को मुगल गवर्नर मिर्जा शरफुद्दीन का समर्थन हासिल था.ऐसे में अकबर से राजा भारमल ने मदद मांगी. और फिर सत्ता हासिल कर अपनी बेटी हरखा  बाई की शादी अकबर से करवा दी.

अकबर से जब हरखा बाई की शादी हुई थी तो वो महज 20 साल की थी. हरखा बाई को अकबर ने ‘मरियम-उज-जमानी’ नाम दिया था. हरखा ने अकबर के सामने भी कभी हिंदू धर्म को माने रखा और पूरी तरह से हिंदू धर्म का पालन करती रही वो अकबर की एक मात्र गैर मुस्लिम पत्नी थी जिनका धर्मान्तरण नहीं कराया गया.

किताब में बताया गया है कि हरखा बाई से अकबर खासे प्रभावित रहे और गौमांस खाना छोड़ दिया, .यहां तक की दरबारियों के भी गौ मांस खाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. उस वक्त के इतिहासकार बदांयूनीने भी लिखा है कि अकबर का हिंदूओं के साथ होने के कारण उन्होंने गौमांस पर प्रतिबंध लगा दिया है. यहां तक कि लहसुन-प्याज खाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, वो दाढ़ी वाले लोगों के साथ संपर्क करने में भी कतराने लगे.

हरखा बाई का रसूख मुगल दरबार में अकबर के वक्त भी था और  अकबर की मौत के बाद भी ये कम नहीं हुआ. अकबर की मौत के बाद बेटे जहांगीर ने उनका शाही वजीफा दोगुना कर दिया था. अब हरखा बाई के पास 12,000 पुरुष घुड़सवार सेना की कमान भी थी. यहां तक हरखा बाई जहांगीर के दरबार के चार वरिष्ठ सदस्यों में शुमार हो चुकी थी.

उस वक्त नील, मसाले और दूसरी चीजों को मक्का भेज कर व्यापार किया जा रहा था. लेकिन एक बार पुर्तगालियों ने (1613) में हरखा बाई के जहाज राहिमी को रोका और कब्जा कर लिया है. तो जहांगीर आग बबूला हो गया और पुर्तगालियों के साथ व्यापार बंद कर दिया गया. कई दूसरी दूसरी सहूलियतें जिनमें वजीफा शामिल है रोक दी गयी. यहीं नहीं आगरा में बने चर्च पर ताला लगा दिया गया.

हरखाबाई के साथ हुई नाफरमानी का बदला जहांगीर ने लिया और दमन में पुर्तगालियों को घेर कर बुरी तरह नुकसान पहुंचाया. हरखा बाई जिनका नाम आज भी इतिहास के पन्नों में कैद है. राजस्थान की वो राजकुमारी जो जिंदगी अपनी शर्तों पर जीती थी और मौत भी.  हरखा बाई ने 1623 में दुनिया को अलविदा कह दिया. 

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