Maha Shivratri 2023: भगवान शिव-पार्वती की शादी में 216 देवी-देवताओं को निमंत्रण, ढोल-नगाड़ों के साथ निकलेगी बारात
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Maha Shivratri 2023: भगवान शिव-पार्वती की शादी में 216 देवी-देवताओं को निमंत्रण, ढोल-नगाड़ों के साथ निकलेगी बारात

Maha Sivratri 2023: महाशिवरात्रि के पावन मौके पर 216 देवी देवताओं को शादी समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. हिमाचल के मंडी में स्थित भूतनाथ मंदिर में 216 देवी-देवता पहुंचेंगे. मंदिर परिसर में ही घाटी के विभिन्न देवता भी ठहरने का प्रबंध किया गया. महादेव की शादी में पहुंचने वाले देवी देवता सात दिनों तक मंडी में निवास करेंगे. 

Maha Shivratri 2023: भगवान शिव-पार्वती की शादी में 216 देवी-देवताओं को निमंत्रण, ढोल-नगाड़ों के साथ निकलेगी बारात

Maha Sivratri 2023: साल 2023 की महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जा रही है. इस दिन भगवान शिव और पार्वती की शादी बड़े ही भव्य तरीके से आयोजित हुई थी. पौराणिक मान्यता है कि इनकी शादी में बड़े से बड़े और छोटे से छोटे देवता गण शामिल हुए. देवताओं के साथ महादेव की शादी में असुर भी वहां पहुंचे. आम तौर पर ये बात सभी जानते हैं कि जहां देवता जाते थे, वहां असुर नहीं जाते, लेकिन शिव तो तीनों लोक के स्वामी है. इसलिए इनकी शादी में सारे जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव उनकी शादी में उपस्थित हुए. यहां तक कि भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी उनके विवाह में मेहमान बन कर पहुंचे. 

 देवाधिदेव महादेव का शादी में देवताओं को मिला निमंत्रण

महाशिवरात्रि के मौके पर भारत में एक जगह ऐसी भी है, जहां आज भी देवता गण भगवान भोलेनाथ और पार्वती की शादी में शामिल होने के लिए धरती पर पधारते है. इस बार भी 216 देवी देवताओं को शादी समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. 81 मंदिरों के देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया है. जिला प्रशासन की ओर से पंजीकृत 216 देवी- देवता कमेटियों को ही निमंत्रण पत्र दिए गए हैं. इस दौरान मंदिर परिसर में ही घाटी के विभिन्न देवता भी ठहरने का प्रबंध किया गया. सात दिनों तक मंडी के देवता यहां निवास करते हैं और इस दौरान बाबा भूतनाथ के दर पर सभी देवी-देवता शामिल होकर देवाधिदेव महादेव का गुणगाण करेंगे.

हिमाचल के मंडी जिले में भूतनाथ मंदिर में 216 देवी-देवता पहुंचेंगे

बता दें कि महाशिवरात्रि के मौके पर यहां हर साल अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि मेले का आयोजन किया जाता है. देवों के देव महादेव और माता पार्वती की शादी में देवी देवताओं के आगमन से मंडी ढोल नगाड़ों के साथ गूंज उठती है. शिवरात्रि में देव कारज का हिस्सा बन शिव भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. ये आयोजन इतना भव्य होता है कि इसकी तैयारी एक महीने पहले शुरू हो जाती है. यहां महाशिवरात्रि से एक माह तक मंदिर में हर रोज श्रद्धालु मक्खन चढ़ाते हैं.

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अब तक एक क्विंटल से ज्यादा मक्खन चढ़ाया गया

इस दौरान यहां जलाभिषेक नहीं होता है. इस एक महीने में यहां एक क्विंटल से ज्यादा मक्खन चढ़ाया जाता है. शिवरात्रि के दिन शिवलिंग से मक्खन को निकाला जाता है. उसके बाद शिवलिंग का शिवरात्रि मेले के लिए जलाभिषेक करके श्रृंगार किया जाता है. इसी के साथ शिवरात्रि पर्व की समापन होता है.

सात दिनों तक मंडी में देवता करेंगे निवास

पहाड़ों पर होने वाला यह महोत्सव मंडी में ही बने भूतनाथ मंदिर पर केंद्रित है. भूतनाथ मंदिर भगवान शिव का मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण मंडी के राजा रहे राजा अजबर सेन ने कराया था, जो कि मंडी टाउन के बीच में बना हुआ है. राजा अजबेर सेन के सपने में भगवान शिव ने दर्शन दिए और उसे बताया कि जिस स्‍थान पर गाय के थनों से दूध बहता है. वहां शिवलिंग स्‍थापित है. उन्होंने राजा को कहा कि यहां पर एक भव्य मंदिर बनवाकर इसे भूतनाथ का नाम दिया जाए. बाबा भूतनाथ मंदिर में हर वर्ष शिवरात्रि का त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया जाता है. शिवरात्रि से पहले ही इस मंदिर में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है.

    
    

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