जयपुर जिला परिषद में कुर्सी की लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है.
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Jaipur: प्रदेश की राजधानी जिला परिषद में कुर्सी की लड़ाई खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पहले कुर्सी पाने के लिए रमा देवी चोपड़ा ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. उसके बाद अब जिला परिषद की पहली बोर्ड बैठक में उप जिला प्रमुख की सीट जिला प्रमुख के पास में नहीं लगाने से कांग्रेसी जिला पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया और जमकर हंगामा किया.
इतना ही नहीं जिला परिषद सीईओ पूजा पार्थ का सदस्यों ने माइक तक छीन लिया. बीजेपी और कांग्रेस के सदस्यों में आपस मे तकरार देखने को मिली, विकास को भूलकर केवल कुर्सी की लड़ाई बैठक में देखने को मिली. जिला कलेक्टर और जिला परिषद सीईओ आग-बबूला होकर बाहर बैठक छोड़कर बाहर निकल गए और हंगामे के बीच प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 148 किलोमीटर की लंबाई की सड़कों का प्रस्ताव पारित हो गया.
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ये जयपुर जिला परिषद का सदन है, जिला प्रमुख की टेबल को गुस्से से थपथपाते हुए, जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को इस सदन में रखते हैं लेकिन आज नवगठित बोर्ड की पहली बैठक में विकास को छोड़कर कुर्सी की लड़ाई करते हुए जनप्रतिनिधि नजर आए.
सदन की गरिमा तार-तार
जयपुर जिला परिषद में नया बोर्ड बनने के बाद आज पहली साधारण सभा हंगामे की भेंट चढ़ गई. कांग्रेस के सिंबल पर जीतकर आए उप जिला प्रमुख मोहन डागर की कुर्सी को लेकर यह पूरा हंगामा हुआ, डागर की कुर्सी जिला प्रमुख के पास ऊपर नहीं लगाने पर कांग्रेस के सदस्य भड़क गए और वेल में आकर हंगामा करने लगे. इस दौरान भाजपा के सदस्य भी जिला प्रमुख के बचाव में उतर गए. दसअसल ये पूरा विवाद कुर्सी जिला प्रमुख के बगल में नहीं लगाने को लेकर हुआ.
उप जिला प्रमुख मोहन डागर और कांग्रेस के सदस्यों का आरोप था कि जिला प्रमुख और प्रशासन 15 साल से ज्यादा पुरानी परंपरा को तोड़ रहे हैं. पिछले 15 साल से साधार सभा में उप जिला प्रमुख की कुर्सी जिला प्रमुख के साथ लगती है और दोनों साथ बैठकर बैठक का संचालन करते हैं. इस पर जिला प्रमुख रमा देवी ने पुरानी परंपराओं में बदलाव का हवाला दिया और कहा कि पहले महिलाएं घूंघट में ही रहती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है. परंपराएं धीरे-धीरे जरूरत के अनुरूप बदलती है.
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कुर्सी की लड़ाई को लेकर करीब आधे घंटे तक हंगामा चलता रहा. इस बीच जिला प्रमुख रमा देवी ने बैठक में रखे गए केवल एक ही एजेंडा को पढ़ा और उसे पास करने के लिए वोटिंग करवाई. भाजपा के तमाम सदस्यों ने हाथ खड़े करते हुए प्रस्ताव को पास करने पर सहमति जताई और उसके बाद बैठक को स्थगित कर दिया. इस प्रस्ताव में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के थर्ड फेज के तहत जयपुर ग्रामीण इलाकों में 148 किलोमीटर की नई सड़कों का निर्माण करना है. हंगामे के दौरान कांग्रेस के सदस्य वैल में आ गए और मेयर के पास बैठी जिला परिषद सीईओ का माइक छीन लिया. हंगामा बढ़ता देख कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने सदस्यों से समझाइश करने का प्रयास भी किया, लेकिन कांग्रेसी सदस्य नहीं माने. इसके बाद कलेक्टर और सीईओ दोनों प्रस्ताव पास करवाने के बाद बैठक छोड़कर चले गए. इस बैठक को जिला प्रमुख ने भी स्थगित कर दिया।