प्रदेश के अन्नदाताओं को यूरिया की परेशानी से दो चार नहीं होना पड़ेगा. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने दिल्ली में उर्वरक मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक कर आ रही अड़चनों को खत्म कर दिया है. प्रदेश में किसानों को भरपूर मात्रा में खाद उपलब्ध होगी.
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नई दिल्ली: यूरिया खाद की किल्लत से राजस्थान के किसानों को जूझना नहीं पड़ेगा. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की पहल से प्रदेश में यूरिया संकट दूर हो गया है. राजस्थान में हर रोज यूरिया के आठ रैक आएंगे. मंगलवार को नई दिल्ली में यूरिया संकट पर स्पीकर बिरला ने उर्वरक मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समक्षी की. ओम बिरला ने अधिकारियों से पूछा कि राजस्थान में अचानक से यूरिया की किल्लत कैसे पैदा हो गई, जिसपर अधिकारियों ने उन्हें विस्तृत जानकारी दी. ओम बिरला ने अधिकारियों को यूरिया खाद मुहैया कराने के सख्त निर्देश दिए.
कोटा सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यूरिया के साथ अटैचमेंट दिए जाने पर भी नाराजगी जताई और कम्पनियों को पाबंद करने के निर्देश दिए. ओम बिरला ने कहा कि अटैचमेंट बंद नहीं किया तो कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यूरिया आपूर्ति को लेकर उर्वरक मंत्रालय के सचिव ने आश्वस्त करते हुए कहा कि राजस्थान में नियमित यूरिया की आपूर्ति के लिए कंपनियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश में जल्द ही यूरिया खाद की कमी दूर हो जाएगी.
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प्रदेश में यूरिया ऑउट ऑफ स्टॉक
बता दें कि अच्छी बारिश और अनुकूल मौसम के कारण प्रदेश में सरसों और गेहूं की खेती हो चुकी है, अब इन फसलों में यूरिया खाद की जरूरत है, लेकिन पूरे प्रदेश में यूरिया ऑउट ऑफ स्टॉक है. खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं. जिलों में खाद की दुकानों पर सुबह से सैकड़ों किसान कतार में खड़े हो जाते हैं, लेकिन बिना यूरिया लिए ही उन्हें वापस होना पड़ता है, ऐसे में ओम बिरला ने उर्वरक मंत्रालय के अधिकारियों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.
पीड़ितों को जल्द भुगतान हो आपदा राहत राशि- बिरला
ओम बिरला ने राजस्थान के आपदा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ भी बैठक की है. बिरला ने किसानों को आपदा राहत राशि नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है. बिरला ने कहा आपदा के कई दिनों बाद भी राहत राशि नहीं मिलना बेहद गंभीर है. अधिकारी आपदा पीड़ितों को राहत राशि का भुगतान तत्काल सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि जिसका जितना नुकसान होगा उसे उतनी राहत राशि मिलनी चाहिए. मकान और पशुधन को हुए नुकसान पर भी भुगतान किया जाना चाहिए.