Dausa: गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान वीरांगना का अपमान
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Dausa: गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान वीरांगना का अपमान

देश की सेवा में मांग का सिंदूर नष्ट करने के बाद गौरवान्वित महसूस करने वाले शहीद वीरांगना को गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मान नहीं मिला. दौसा जिला स्तरीय सम्मान समारोह में आमंत्रित होने के बावजूद शहीद की नायिका का सम्मान नहीं किया गया. प्रशासन की इस हरकत से परेशान वीरांगना  फूट-फूट कर रोई.

फूट-फूट कर रोई वीरांगना स्टेडियम में बेहोश होकर गिर पड़ी

Dausa: देश की सेवा में मांग का सिंदूर नष्ट करने के बाद गौरवान्वित महसूस करने वाले शहीद वीरांगना को गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मान नहीं मिला. दौसा जिला स्तरीय सम्मान समारोह में आमंत्रित होने के बावजूद शहीद की नायिका का सम्मान नहीं किया गया. प्रशासन की इस हरकत से परेशान वीरांगना  फूट-फूट कर रोई और स्टेडियम में बेहोश होकर गिर पड़ी. इससे वहां मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया, लोगों ने उसकी देखभाल की, उसे पानी पिलाया और उसके हाथ-पैरों की मालिश की, तब उसे होश आया. हालांकि जिला प्रशासन ने वीरांगना के सम्मान से इनकार किया है. जहां चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा सम्मान देने पर राजी हो गए, वहीं अधिकारियों ने गाइडलाइंस बताते हुए इनकार कर दिया.

ऐसा अपमान कभी नहीं हुआ
दरअसल गणतंत्र दिवस समारोह में शहीद गुमान सिंह की नायिका रमा देवी को उनके सम्मान में प्रशासन ने आमंत्रित किया था. ऐसे में वह अपने बेटे के साथ कार्यक्रम में शामिल होने जयपुर से दौसा पहुंची थीं. जहां 28 अन्य प्रतिभाओं का सम्मान किया गया लेकिन शहीद वीरांगना का सम्मान नहीं किया गया. सम्मान नहीं मिलने से अपमानित महसूस कर रही इमोशनल हीरोइन ने रोते हुए कहा, मेरा इस तरह कभी अपमान नहीं हुआ. सम्मान नहीं करना था तो उन्हें कार्यक्रम में क्यों बुलाया गया.

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वहीं शहीद के पुत्र गिरधर सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन से सूचना मिली थी कि शहीद को सम्मानित किया जाएगा.ऐसे में वह यहां अपनी मां के साथ आए थे, लेकिन यहां की अपमान से दुखी हैं.हमें यहां नहीं आना चाहिए था.

वीरांगना आई है तो सम्मान कर देते हैं
कार्यक्रम से लौटते समय वीरांगना का सम्मान नहीं करने के सवाल पर चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि मुझे भी लगा कि इस बार वीरांगना का सम्मान क्यों नहीं किया गया. यदि कोई वीरांगना आई हुई है तो अभी उसका सम्मान कर देते हैं. इस पर अधिकारियों से पूछने पर बताया गया कि वीरांगना के सम्मान को कोविड गाइडलाइन के पालने में नहीं रखा गया है. इस पर चिकित्सा मंत्री ने भी हैरानी जताई. इसी कार्यक्रम में 28 अन्य लोगों को भी सम्मानित किया गया.

2005 में शहीद हुए थे गुमान सिंह
जम्मू-कश्मीर के बारामूला में 5 जुलाई 2005 को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में बांदीकुई इलाके के बैजूपाड़ा निवासी सेना का जवान गुमनसिंह राजपूत शहीद हो गए थे.

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वीरांगनाओं को नहीं बुलाया था
एडीएम रामखिलाड़ी मीणा का कहना है कि इस बार शहीदों के सम्मान के कार्यक्रम को कोविड गाइडलाइन के पालने में नहीं रखा गया, कोई वीरांगना सम्मान लेने पहुंची हो इसकी जानकारी नहीं है.

Reporter- Laxmi Sharma

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