पुलिस की 'गंदी मछलियों' पर होगी खुफिया नजर, रेंज मुख्यालयों पर सतर्कता ब्रांच शुरू करने की तैयारी
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पुलिस की 'गंदी मछलियों' पर होगी खुफिया नजर, रेंज मुख्यालयों पर सतर्कता ब्रांच शुरू करने की तैयारी

राजस्थान पुलिस की बेदाग छवि बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग 'गंदी मछलियों' यानी छवि धूमिल करने वाले पुलिसकर्मियों पर खुफिया नजर बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. रेंज मुख्यालयों पर सतर्कता शाखा के गठन की मांग की जा रही है.

पुलिस की 'गंदी मछलियों' पर होगी खुफिया नजर, रेंज मुख्यालयों पर सतर्कता ब्रांच शुरू करने की तैयारी

Jaipur: राजस्थान पुलिस की बेदाग छवि बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग 'गंदी मछलियों' यानी छवि धूमिल करने वाले पुलिसकर्मियों पर खुफिया नजर बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. रेंज मुख्यालयों पर सतर्कता शाखा के गठन की मांग की जा रही है. पुलिस मुख्यालय से इसके लिए गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है.

राजस्थान में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी निर्धारित कानूनी शक्तियों का प्रयोग कर कार्रवाई करते हैं. कभी-कभी कुछ पुलिस अधिकारी और कर्मचारी कानूनी शक्तियों का दुरूपयोग कर विभाग की छवि खराब कर देते हैं. ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जिनमें पुलिसकर्मी अपराधियों से सांठ-गांठ कर लेते हैं या फिर सही कार्रवाई से हतोत्साहित करते हैं.

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विभाग की छवि खराब करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

पुलिसकर्मियों के तमाम कृत्यों से महकमे की बदनामी होती है. खाकी में छिपे ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की समय रहते पहचान जरूरी है. इसके लिए राजस्थान पुलिस की सतर्कता प्रणाली को मजबूत किया जाना आवश्यक समझा जा रहा है. अभी पुलिस मुख्यालय पर ही सतर्कता शाखा है, जहां से दूर दराज के क्षेत्रों में सही तरीके से निगरानी रखना संभव नहीं है. ऐसे में पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार से रेंज मुख्यालयों पर भी सतर्कता शाखा खोलने की मांग की है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है.

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सरकार को भेजा गया ये प्रस्ताव

- किसी भी विभाग या संगठन में आन्तरिक सतर्कता का विशेष महत्त्व है

- पुलिस विभाग में जहां कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा निर्धारित कानूनी शक्तियों का दुरूपयोग किया जाता है

- पुलिस में इन कुछ गंदी मछलियों के कारण पूरा महकमा बदनाम और शर्मसार होता है

- पुलिसकर्मी अपराधियों से मिलीभगत कर उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए कानून का उल्लंघन या जिम्मेदारियों की उपेक्षा करते हैं

- पुलिसकर्मी को विभिन्‍न प्रकार के प्रलोभन देकर सही कार्रवाई से हतोत्साहित करने करने के मामले सामने आ रहे हैं

- पुलिस की स्वच्छ, बेदाग छवि से ही उसका इकबाल कायम रहता है और जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बना रहता है

- ऐसा तभी संभव है जब विभाग अपने स्तर पर संभावित दुराचरण को रोकने की कार्रवाई करे .

- पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्‍न प्रकार की शिकयातें मिलती होती हैं

- इन शिकायतों पर कार्रवाई करने से पूर्व प्राथमिक एवं गोपनीय जांच करने की आवश्यकता होती है .

- वर्तमान में इस कार्य केवल राज्य स्तर पर पुलिस मुख्यालय में सतर्कता शाखा काम कर रही है.

- पूरे राज्य में समस्त प्रकार की कार्रवाई के लिए राज्य स्तर से ही टीमें भेजनी पड़ रही है

- ऐसे में सतर्कता शाखा का सुदृढ़िकरण कर समस्त रेंज मुख्यालयों पर सतर्कता शाखा की एक इकाई शुरू करना जरूरी है

- वर्ष 2022 में पहले चरण में रेंज मुख्यालय जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर और कोटा में सतर्कता इकाइयां स्थापित करने का विचार है

- सतर्कता शाखा के लिए डीएसपी, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, एएसआई हैडकांस्टेबल के चार-चार पद, कांस्टेबल के 20 पदों की जरूरत है

- चारों रेंज मुख्यालय पर सतर्कता शाखा पर करीब पांच करोड़ रुपये का सालाना खर्च होने का अनुमान है

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