भीषण गर्मी को लेकर विष्णु पुराण में की गई ये भविष्यवाणी हुई सच!
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भीषण गर्मी को लेकर विष्णु पुराण में की गई ये भविष्यवाणी हुई सच!

Vishnu Purana: विष्णु पुराण में लिखा गया है कि भविष्य में धन ही ईश्वर बन जाएगा और लोग भगवान को भूल धन की पूजा-पाठ करने लगेंगे. साथ ही विष्णु पुराण में मौसम और प्रकृति से जुड़ी चीजों के बारे में लिखा हुआ है. जानिए कौन-कौन सी भविष्यवाणी हुई सच. 

Vishnu Purana

Vishnu Purana: दुनिया में जो भी होने वाला है, उन सभी घटनाओं की जानकारी हमें पुराणों में मिलती हैं. इसी के चलते विष्णु पुराण में भी जीवन-मृत्यु से लेकर कई ऐसी घटनाओं के बारे में लिखा गया है, जो हमें नजर आ रही हैं.  

विष्णु पुराण में लिखा गया है कि भविष्य में धन ही ईश्वर बन जाएगा और लोग भगवान को भूल धन की पूजा-पाठ करने लगेंगे. साथ ही विष्णु पुराण में मौसम और प्रकृति से जुड़ी चीजों के बारे में लिखा हुआ है. वहीं, इन दिनों बढ़ रही गर्मी को लेकर भी विष्णु पुराण में कई सारी बातें लिखी गई हैं, जो आज सच होती दिख रही हैं. 

इन दिनों पड़ रही गर्मी से आम जन-जीवन काफी परेशान हैं. पूरे उत्तर भारत में लू का कहर है और नौतपा के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. मौसम विभाग के अनुसार, अभी 1-2 दिन दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में लू चलने की संभावना है. इसी के चलते विष्णु पुराण की भविष्यवाणियां सच होती देखी गई. 

 

 
विष्णु पुराण के मुताबिक, समय देवलोक में अलग तरह से चलता है. पृथ्वी पर 12 महीने का एक साल होता है. वहीं, देवलोक में दिन-रात 12 महीने के बराबर होते हैं और तीन सौ साठ वर्षों का देवताओं का एक साल होता है. जानकारी के अनुसार, बारह हजार दिव्य सालों का एक चतुर्युग होता है. ऐसे में पृथ्वी पर महीनों के अनुसार, मौसम में परिवर्तन होता है लेकिन देवलोक में यह परिवर्तन सदियों बाद होता है. 

विष्णु पुराण में लिखा है कि जब एक चतुर्युग बीतने पर पृथ्वी क्षीणप्राय हो जाती है, तो 100 साल तक सूखा पड़ने लगता है, जिसका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ता है. इससे फसलें नष्ट होने लगती हैं और मानव शरीर की शक्ति कम होने लगती है. 

पानी की कमी हो जाती है और त्वचा खराब होने लगती है. विष्णु पुराण के मुताबिक, धरती पर भीषण गर्मी पड़ रही है, जो यह प्रलय का संकेत हो सकता है. जब भगवान विष्णु सूर्य की सातों किरणों में स्थित होकर सम्पूर्ण जल को खुद में सोख लेते हैं.ॉ

साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों से नमी, समुद्र, नदियों और जल पूरी तरह से सोख लेते हैं. जब भगवान के असर से जलपान से युक्त होकर वे सातों सूर्यरश्मियां सात सूर्य बन जाती हैं. विष्णु पुराण के मुताबिक, गर्मी और सूखे की स्थिति धरती को प्रलय की ओर लेकर जा रही है. 

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