भूजल मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि पानी का महत्व राजस्थान जैसे रेगिस्तानी प्रदेश में रहने वालों से बेहतर कौन समझ सकता है. प्रदेश में ज्यादातर जगहों पर भूजल एक हजार फीट से भी नीचे चला गया है. सतही पानी की उपलब्धता भी यहां अन्य राज्यों के मुकाबले काफी कम है. ऐसे में हमें पेयजल संरक्षण को अपनाना होगा.
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Jaipur: राजस्थान में जलसंकट लगातार गहराता जा रहा है, खासकर भूजल स्तर घट रहा है. इसको लेकर अटल भूजल योजना को लेकर आज जयपुर में कार्यशाला हुई, जिसमें भूजल वैज्ञानिकों के साथ चर्चा हुई. कार्यक्रम में भूजल मंत्री महेश जोशी भी मौजूद रहे.
भूजल मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि पानी का महत्व राजस्थान जैसे रेगिस्तानी प्रदेश में रहने वालों से बेहतर कौन समझ सकता है. प्रदेश में ज्यादातर जगहों पर भूजल एक हजार फीट से भी नीचे चला गया है. सतही पानी की उपलब्धता भी यहां अन्य राज्यों के मुकाबले काफी कम है. ऐसे में, हमें पेयजल संरक्षण को अपनाना होगा और भूजल का दोहन रोकने के साथ ही भूजल स्तर बढ़ाने के प्रभावी उपाय करने होंगे तभी आने वाली पीढियों के लिए हम प्रकृति की इस बहुमूल्य देन को संरक्षित रख पाएंगे.
इस दौरान एसीएस सुबोध अग्रवाल ने कहा कि बदलती हुई जीवन शैली को देखते हुए प्राकृतिक रूप से मिलने वाले पानी को बचाने के लिए परंपरागत तरीकों के साथ ही हमें आज नवाचार अपनाने की भी जरूरत है. पानी की बचत ही इसका उत्पादन है इसे ध्यान में रखते हुए हम सभी को रोजमर्रा के जीवन में पानी का सदुपयोग करना सीखना होगा. उपलब्ध पानी को अधिक से अधिक पेयजल के उपयोग के लिए कैसे बचा सकते है इसका भी ध्यान रखना होगा.
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बहुमंजिला इमारतों को पेयजल कनेक्शन की नीति एक सप्ताह मेंजन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री ने कहा कि बहुमंजिला इमारतों एवं निजी टाउनशिप में पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए बन रही नीति अगले सप्ताह तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा. यह नीति बनने के बाद इन इमारतों में रहने वाले लोगों की पेयजल समस्या का समुचित समाधान निकल पाएगा.
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