हाईकोर्ट ने चिकित्सा विभाग से मांगा जवाब, ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर के पद पर पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति क्यों नहीं
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हाईकोर्ट ने चिकित्सा विभाग से मांगा जवाब, ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर के पद पर पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति क्यों नहीं

राजस्थान हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर के पद पर एनसीवीइटी से मान्यता प्राप्त कोर्स प्रमाण पत्र धारकों को नियुक्ति नहीं देने और प्लांट का संचालन नर्सिंगकर्मियों से करवाने पर चिकित्सा विभाग से जवाब मांगा है.

फाइल फोटो

Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर के पद पर एनसीवीइटी से मान्यता प्राप्त कोर्स प्रमाण पत्र धारकों को नियुक्ति नहीं देने और प्लांट का संचालन नर्सिंगकर्मियों से करवाने पर चिकित्सा विभाग से जवाब मांगा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश रोहित कुमार की याचिका पर दिए.

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याचिका में कहा गया कि कौशल विकास एवं उद्यमिता विभाग ने आईटीआई की पात्रता रखने वाले 286 अभ्यर्थियों को 180 घंटे की ट्रेनिंग देकर ऑपरेट एंड मेंटेनेंस ऑफ पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के कोर्स का प्रमाण पत्र दिया था. यह प्रमाण पत्र एनसीवीइटी से भी मान्यता प्राप्त है और ये प्रमाण पत्र धारक ही ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर के पद पर नियुक्ति के लिए योग्य है.

याचिका में कहा गया कि फिलहाल 532 ऑक्सीजन प्लांट में से 473 प्लांट चालू हो चुके हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार ऑक्सीजन प्लांट के ऑपरेटर पद पर योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की बजाय उन्हें नर्सिंगकर्मियों से ही चलवा रही है. ऐसा करना ना केवल गलत है, बल्कि इस लापरवाही से मरीजों का जीवन भी खतरे में पड़ सकता है. इसलिए ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर के पद पर योग्य व प्रमाण पत्र धारक अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

Report: Mahesh Pareek

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