Jaisalmer Rajasthan : जैसलमेर जिला राजस्थान में क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा जिला है. IAS टीना डाबी यहां की कलेक्टर है. सिविल डिफेंस डिपार्टमेंट उनके अंडर ही आता है. लेकिन 300 किलोमीटर में फैले जैसलमेर जिले के लिए सिर्फ एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी है.
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Jaisalmer News : राजस्थान के सबसे बड़े जिले जैसलमेर में आगजनी से निपटने की सरकारी व्यवस्थाएं फुस्स है. 39 हजार वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल. रेतीलों धोरों के बीच करीब एक तरफ मड़ला कलां से दूसरी तरफ लोंगेवाला तक. करीब 270 किलोमीटर का एरिया. लेकिन पूरे जैसलमेर में सिर्फ एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी है. ये फायर ब्रिगेड की गाड़ी सिविल डिफेंस ऑफिस में खड़ी रहती है. इसी एक गाड़ी के जिम्मे पूरा जिला है. दूरी को देखें तो मुख्यालय से एक तरफ 200 किलोमीटर दूर नोख ग्राम पंचायत है. दूसरी तरफ पाकिस्तान सीमा पर शाहगढ़ गांव है. जब तक फायर ब्रिगेड पहुंचती है. तब तक आग अपना काम कर चुकी होती है.
जैसलमेर नगर परिषद और पोकरण नगर पालिका के पास अपना फायर ब्रिगेड है. लेकिन उससे सिर्फ नगरिय इलाके में ही आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए काम लिया जाता है. जैसलमेर नगर परिषद क्षेत्र और पोकरण नगर पालिका क्षेत्र के अलावा पूरे जिले में सिविल डिफेंस कार्यालय में खड़ी एकमात्र फायर ब्रिगेड का निर्भरता है.
IAS टीना डाबी के हाथ कमान
टीना डाबी जैसलमेर की कलेक्टर है. सिविल डिफेंस डिपार्टमेंट उनके ही अंडर आता है. ऐसे में जैसलमेर नगर परिषद और पोकरण नगर पालिका एरिया के बाहर कहीं पर भी आगजनी के हालातों से निपटने की जिम्मेदारी इसी डिपार्टमेंट पर है. लेकिन सिर्फ एक फायर ब्रिगेड के सहारे कैसे निपटा जाएगा. ये गंभीर सवाल है. जिला कलेक्टर प्रशासन ने इससे निपटने के लिए क्या एक्शन प्लान पर काम कर रहा है. ये भी गंभीर सवाल है.
फायरमैन के 9 पद खाली
जैसलमेर में फायरमैन के 12 पद है. लेकिन केवल 3 ही पद भरे हुए है. अन्य 9 पद खाली है. जो 3 फायरमैन ऑन ड्यूटी है. उनके पास भी कोई काम नहीं है. जिले में सिविल डिफेंस विभाग के पास फायर ब्रिगेड ही सिर्फ एक ही है.
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जैसलमेर जिले में आगजनी की दर्जनों बड़ी घटनाएं हो चुकी है. पिछले साल ही गर्मियों में रामगढ़-मोहनगढ़ नाचना के नहरी इलाके में भीषण आग लगी थी. उससे पहले 15 मार्च 2022 को 1357 rd के पास जंगल में आग लगी थी. इस भीषण आग से कई किलोमीटर के वन संपदा नष्ट हो गई थी. पिछले 10 सालों में जैसलमेर के ग्राणीण इलाकों में 17 से ज्यादा बार भीषण आग की घटनाएं हो चुकी है.