Jaisalmer News: राजस्थान के सीमावर्ती जिले जैसलमेर-बाड़मेर की लोकसभा सीट के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. वहीं, कांग्रेस ने अब तक नहीं की है. राजनीतिक गलियारों में खबरें हैं कि विधायक रविंद्र सिंह भाटी भी इस सीट से मैदान में उतर सकते हैं.
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Rajasthan News: देशभर में लोकसभा चुनाव को लेकर जहां जाजमे बिछ चुकी है. वहीं, राजनीतिक गलियारों में राजनेताओं का जनसंपर्क भी तेज हो गया है. ऐसे में सीमावर्ती जिले जैसलमेर-बाड़मेर की लोकसभा सीट पर जहां भाजपा ने कैलाश चौधरी को लोकसभा का उम्मीदवार उतारा है. वहीं, कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव 2023 में शिव विधानसभा से निर्दलीय विधायक बने रविंद्र सिंह भाटी ने अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी की चिंताएं बढ़ा दी है. जैसलमेर-बाड़मेर की राजनीति में एक बार फिर से तूफान की आहट सुनाई दे रही है.
पांच दिवसीय देव दर्शन यात्रा पर विधायक भाटी
शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर युवाओं की पहली पसंद बताई जा रही है. ऐसे में रविंद्र सिंह पांच दिवसीय देव दर्शन यात्रा पर निकल चुके हैं. सोमवार को चंपानाथ मठ शिव से शुरू हुई उनकी यात्रा जोगीदास धाम, बेरसियाला, खुहड़ी होते हुए विभिन्न जगहों से होकर देर रात जैसलमेर शहर पहुँची. इस दौरान जैसलमेर के देवस्थलों पर भाटी के समर्थन में जन सैलाब उमड़ता दिख रहा है. इस यात्रा के दौरान भाटी ने ग्रामीणों से संवाद और देव मंदिरों व मठों के दर्शन भी कर रहे हैं. हालांकि, यह देव दर्शन यात्रा राजनीतिक गलियारों में अपना अलग ही महत्व रख रही है
युवाओं में रविंद्र सिंह को लेकर खास क्रेज
इस यात्रा ने कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों में हलचल बढ़ा दी है. दोनों ही पार्टियों को आशंका है कि रविंदर सिंह लोकसभा चुनाव में जैसलमेर-बाड़मेर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे और ऐसा रविंद्र सिंह भी कई बार अपनी बातों ही बातों में कह चुके हैं. ऐसे में भाटी कांग्रेस और बीजेपी के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं. गौरतलब है कि निर्दलीय के तौर पर शिव सीट से कांग्रेस बीजेपी दोनों उम्मीदवारों को हराकर रविंद्र सिंह ने विधानसभा चुनाव जीता था और युवाओं में रविंद्र सिंह को लेकर खास क्रेज है. उनकी लोकप्रियता हर वर्ग के युवाओं में देखने को मिल रही है. ऐसे में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा में अगर रविंद्र सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं, तो दोनों ही पार्टियों की मुसीबत बढ़ जाएगी.
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