जालौर- सांचौर में कई दिनों से फसल बीमा क्लेम दिलाने की मांग को लेकर सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे किसान
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जालौर- सांचौर में कई दिनों से फसल बीमा क्लेम दिलाने की मांग को लेकर सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे किसान

Jalore today news: सांचौर जिले के डीएस ढाणी गांव के सैंकड़ों किसान पिछले कई दिनों से फसल बीमा क्लेम दिलाने की मांग को लेकर सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन उसके बावजूद बीमा कंपनी द्वारा करीब 8 गांवों के किसानों के खातों में क्लेम राशि जमा नहीं करवाई जा रही है. 

जालौर- सांचौर में कई दिनों से फसल बीमा क्लेम दिलाने की मांग को लेकर सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे किसान

Jalore news: राजस्थान के सांचौर जिले के डीएस ढाणी गांव के सैंकड़ों किसान पिछले कई दिनों से फसल बीमा क्लेम दिलाने की मांग को लेकर सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन उनकी समस्या पर प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जानकारी के अनुसार पटवार हलका गुड़ाहेमा एवं डीएस ढाणी हेमागुड़ा के किसानों का पटवारी ने सर्वे के दौरान जीरे की फसल में 65 से 80% तक खराब बताया था. किसानों का बीमा भी कंपनी को जमा है. लेकिन उसके बावजूद बीमा कंपनी द्वारा करीब 8 गांवों के किसानों के खातों में क्लेम राशि जमा नहीं करवाई जा रही है. जिसके चलते आठ गांवों के सैकड़ो किस पिछले कई दिनों से तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक फरियाद लगा चुके हैं. 

लेकिन उनकी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है लोगों का कहना है कि चक्कर पर चक्कर लगाकर परेशान हो चुके हैं लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है किसानों का कहना है कि आठ गांव का करीब 18 करोड़ 90 लाख रुपए बीमा क्लेम बनता है लेकिन अटका हुआ है उसको लेने के लिए दर-दर की ठोकरे खाने के बावजूद क्लेम किसानों को नहीं दिया जा रहा है जिलेभर की बात करें तो अन्य जगहों पर किसानों के खातों में लगभग सभी जगह बीमा क्लेम की राशि जमा हो चुकी है.

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कई बार कलेक्टर से मिले किसान
किसानों का कहना है कि जिले भर के सभी किसानों के खातों में बीमा क्लेम जमा हो जाने को लेकर उन्होंने जिला कलेक्टर से मुलाकात कर जल्द से जल्द बीमा क्लेम दिलाने की मांग की गई कई बार ज्ञापन सौंपें गए लेकिन उसके बावजूद भी बिमा कंपनी की ओर से किसानों की खाते में बीमा क्लेम की राशि जमा नहीं करवाई गई है जिसके चलते आठ गांवों के सैकड़ो किसान परेशान है.

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किसानों का कहना है कि खाते से बीमा राशि काटकर कंपनी के खाते में जमा हुई जीरे की फसल में 65-80 प्रतिशत पटवारी द्वारा नुकसान बताया गया. फसल खराबे को लेकर उन्हें बीमा कंपनी की ओर से क्लेम दिया जाना था लेकिन दो माह बाद भी कंपनी ने 18 करोड़ 90 लाख रुपए किसानों को दिए ही नहीं है जिस कारण 8 गांव के सैकड़ो किसान सरकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे. किसानों का कहना है कि कई बार जिला कलेक्टर से मिलकर मांग की लेकिन जिला कलेक्टर द्वारा उनकी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

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