जालोर- भीनमाल में माही जल क्रांति यात्रा का समापन, किसान बोले-आज भी कागजों में रेंग रहा प्रोजेक्ट
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जालोर- भीनमाल में माही जल क्रांति यात्रा का समापन, किसान बोले-आज भी कागजों में रेंग रहा प्रोजेक्ट

Jalore latest news: सिरोही जिले को माही का पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध कराने की मांग को लेकर चल रही माही जल क्रांति यात्रा का समापन महासम्मेलन आयोजित कर किया गया. 20 दिन तक चली यह यात्रा 400 गांवो, ढाणियों से होती हुई गुजरी थी. यहां माघ चौक शाखा में सम्मेलन का आयोजन हुआ. 

जालोर- भीनमाल में माही जल क्रांति यात्रा का समापन, किसान बोले-आज भी कागजों में रेंग रहा प्रोजेक्ट

Jalore news: राजस्थान के जालोर जिले के भीनमाल से है जहां पर जालोर,बाड़मेर, सिरोही जिले को माही का पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध कराने की मांग को लेकर चल रही माही जल क्रांति यात्रा का समापन महासम्मेलन आयोजित कर किया गया. बतादे कि माही का जल 3 जिलों को देने की मांग को लेकर पिछले 11 सितंबर को नरपुरा गांव से माही जल क्रांति यात्रा शुरू की गई थी. 20 दिन तक चली यह यात्रा 400 गांवो, ढाणियों से होती हुई गुजरी थी. यहां माघ चौक शाखा में सम्मेलन का आयोजन हुआ. 

राजस्थान किसान संघर्ष समिति के संयोजक विक्रम सिंह पुनासा ने कहा कि हमारा आंदोलन कई वर्षों से किसानों के हित के लिए चल रहा है. जिसमें एक मात्र ही मांग है कि माही का जल सिंचाई के लिए जालौर, सिरोही और बाड़मेर जिले को दिया जाए. किसान नेता सुरेश व्यास ने कहा कि अगर माही का जल अपने जिले में आता है. तो यहां के किसान खुशहाल हो जाएंगे और यहां पर तरह-तरह के फलों और कृषि की भरपूर पैदावार होगी, लेकिन यहा के किसान को खुशहाल करना कोई नहीं चाहता है. 

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संघर्ष समिति के अध्यक्ष बद्रीदान नरपुरा ने कहा कि राजस्थान और गुजरात सरकार के 1966 के समझौते का माही परियोजना प्रोजेक्ट आज भी कागजों में रेंग रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत कड़ाना बांध से हाई लेवल कैनाल का निर्माण करके 28 टीएमसी पानी जालोर, सिरोही, बाड़मेर को सिंचाई के लिए दिया जाना था, मगर सरकार ने 337 किलोमीटर लंबी सुजलाम सुफलाम नहर बनकर अपने राज्य के किसानों को तो खुशहाल कर दिया, साथ ही राजस्थान के हिस्से के पानी से स्वयं के हिस्से को सिंचित कर रहा है. इस दौरान बड़ी संख्या में किसान और महिलायें मौजूद रही.

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