Bhagwan shiv mandir, Bhinmal : जालोर के भीनमाल का नीलकंठ महादेव मंदिर, जिसका इतिहास नागभट्ट प्रथम से लेकर अफगान लूटेरे महमूद गज़नी से जुड़ा है. तो उसे वर्तमान स्वरुप दिया है राव प्रेमसिंह नाम के शख्स ने, पढ़िए.
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Neelkanth Mahadev, Bhinmal : राजस्थान में जालोर जिले के भीनमाल में एक ऐसे महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ है. जो चर्चाओं में है. क्योंकि 10 दिन तक चले इस कार्यक्रम में चार राज्यों के मुख्यमंत्री, आधा दर्जन केंद्रीय मंत्री और देश के नामी संतों ने भाग लिया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के अलावा केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के साथ साथ पाली सांसद पीपी चौधरी समेत कई नेताओं ने शिकरत की.
इसके अलावा 50 से ज्यादा बड़े संत महात्मा इस कार्यक्रम में पहुंचे. जिसमें स्वामी निश्छलानंद सरस्वती, स्वामी अवधेशानंदगिरी, जगदगुरु रामनंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य, योग गुरु बाबा रामदेव, स्वामी चिदानंद सरस्वती, पतंजली योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण, तुलछाराम महाराज ब्रह्मधाम आसोतरा के अलावा तारातरा मठ के प्रतापपुरी महाराज समेत कई संतों ने इसमें शामिल हुए.
जालोर के भीनमाल में स्थित इस नीलकंठ महादेव मंदिर का इतिहास 1400 साल पुराना है. नागभट्ट प्रथम ने इसकी शिला रखी थी. बताया जाता है कि 730 ई. में राजा शाह जुनैद ने भारत की सीमाओं पर आक्रमण किया था. नागभट्ट प्रथम ने उसे वापिस खदेड़ा. अफगान आक्रांता को भारत की सीमाओं से बाहर भगाने के लिए नागभट्ट उज्जैन महाकाल के दर्शन के लिए रवाना हुए. इसी दौरान वो भीनमाल नामक जगह पर रुके. भीनमान का प्राचीन नाम श्रीमाल भी हुआ करता था. यहां नागभट्ट को भगवान शिव का सपना आया और उसे वहीं रुकने को कहा. जिसके बाद नागभट्ट ने इसी जगह पर नीलकंठ महादेव मंदिर की स्थापना की.
करीब 1500 साल बाद अब राव प्रेमसिंह ने ही इस नीलकंठ महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार कराया है. कारोबारी और समाजसेवी प्रेमसिंह जालोर के भीनमाल के ही रहने वाले है. उन्हौने उच्च शिक्षा जोधपुर और दिल्ली से हासिल की. इस कार्यक्रम में उन्हौने 1 करोड़ 11 लाख रुपए जोशीमठ में देने का ऐलान किया तो वहीं 500 बच्चियों के पढ़ाई का जिम्मा भी अपने ऊपर लिया. इसके अलावा 50 हजार रुद्राक्ष के पौधे जालोर और भीनमाल इलाके के लोगों को मुफ्त में बांटे.
हमारा 'सनातन धर्म' भारत का 'राष्ट्रीय धर्म' है... pic.twitter.com/1MCGNHuK3O
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 27, 2023
जालोर के इसी नीलकंठ महादेव मंदिर के मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने आए योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसा बयान दिया था. जिस पर पूरे देश के मीडिया में बहस छिड़ गई थी. योगी आदित्यनाथ ने यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि सनातन धर्म ही भारत का राष्ट्रीय धर्म है. इसके बाद कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां हमलावर हो गई थी.