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Jhunjhunu: एक अप्रैल से शराब की दुकानों का रिन्यू होना था, लेकिन शराब ठेकेदारों ने नई आबकारी नीति से परेशान होकर शराब दुकानों का रिन्यू ही नहीं कराया. इससे जिले की 265 शराब की दुकाने बंद हो गई हैं. दुकानें नहीं खुलने से सरकार को शराब से मिलने वाले करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा.
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जिला आबकारी अधिकारी सुमेर सिंह मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 335 दुकानें हैं जिनमे से मात्र 58 दुकानों का नवनीकरण हुआ है. वहीं 12 दुकानें नीलामी में सेटल हो गई हैं. इसके बाद बची 265 दुकानों के लिए विभाग को अवगत करवा दिया गया है. उसने लिए प्रकिया चल रही है. कोरोना के चलते गारंटी पूरी नहीं होने से शराब ठेकेदार रूचि नहीं दिखा रहे है. गौरतलब है कि शराब ठेकेदारों ने एक बैठक में निर्णय लिया था कि राज्य सरकार वर्ष 2021-22 की न्यूनतम रिजर्व प्राइस 30 % कम करने पर ही दुकानें उठाई जाएंगी. वहीं बेसिक लाइसेंस फीस को खत्म करने की मांग की गई. ठेकेदारों ने बताया कि सरकार द्वारा बेसिक लाइसेंस फीस बढ़ा देने से ठेकेदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. ठेकेदारों उन्होंने बताया कि जब तक सरकार द्वारा उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो कोई भी ठेकेदार शराब दुकान की नीलामी में भाग नहीं लेगा और दुकान भी नहीं उठाई जाएगी.
प्रदेश में भी यही है हाल
आबकारी बंदोबस्त की विफलता के चलते प्रदेश भर में 58% ठेकों के बंद रहने की संभावना है. फिलहाल प्रदेश में 3181 यानी 42% शराब दुकान ही खुल रही हैं. प्रदेश में देशी मदिरा कम्पोजिट कुल 7665 दुकान, इनमें से 2501 शराब दुकानों का ही रिन्युअल हुआ है. देखा जाय तो 6 चरण में कुल 680 दुकानों का ही ऑक्शन हो पाया है. कुल 4483 मदिरा दुकान इस बार खाली रह गईं हैं.
Reporter: Sandeep Kedia