आयुक्त ने कहा कि पार्षदों के अपमान का कोई मकसद नहीं था. इस आदेश का मतलब गलत निकाला गया है
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Jhunjhunu : राजस्थान के झुंझुनूं नगर परिषद की भूमि शाखा में बाहरी के प्रवेश पर रोक लगाने वाले आयुक्त के आदेश से बवाल मच गया है. इस आदेश के विरोध में पार्षदों ने करीब दो घंटे प्रदर्शन किया. इसके बाद पूर्व चेयरमैन तैयब अली की मध्यस्थता से आयुक्त और पार्षदों के बीच वार्ता हुई, जिसमें आयुक्त के खेद जताने के बाद पार्षद मान गए.
आपको बता दें कि नगर परिषद सभागार के मुख्य दरवाजे पर प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर भूमि शाखा प्रकोष्ठ में प्रवेश नहीं देने को लेकर आयुक्त के आदेश को लेकर पार्षद नाराज हो गए. इस आदेश को लेकर लेकर आयुक्त की बुलाई बैठक का बहिष्कार कर दिया और नगर परिषद के मुख्य दरवाजे को बंद कर दिया. इसके बाद आदेश के विरोध में पार्षद प्रदर्शन करने लगे. पार्षदों ने प्रदर्शन के दौरान जमकर नारे लगाए.
प्रदर्शन कर रहे पार्षदों को आयुक्त शैलेष खैरवा ने बैठकर बात करने का सुझाव दिया. लेकिन पार्षद इसको लेकर नहीं मानें. इसके बाद पूर्व चेयरमैन तैयब अली ने पार्षदों को समझाने का प्रयास करते हुए. नगर परिषद का गेट खोलने की बात कही. पार्षदों के नहीं मानने पर आयुक्त लौट गए. इसके बाद भी पार्षदों ने प्रदर्शन जारी रखा और सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की चेतावनी देने लगे.
दो घंटे के प्रदर्शन के बाद चेयरमैन तैयब अली ने नाराज पार्षदों से बात की और समझाने का प्रयास किया. पार्षदों ने उन्हें परेशानियां बताते हुए कहा कि आमजन उनसे उम्मीद लेकर आता है और नगर परिषद में ही उन्हें घुसने नहीं दिया जाएगा, तो उनके सम्मान का क्या होगा ? इसके बाद पूर्व चेयरमैन ने उनका पूरा सम्मान होने की बात कही. इसके बाद आयुक्त शैलेष खैरवा नगर परिषद पहुंचें. पार्षदों को आयुक्त शैलेष खैरवा ने निर्देश जारी होने की वजह बताई.
उन्होंने ने कहा कि इन दिनों उनसे कई आवेदकों ने भूमि शाखा में उनकी पट्टा आवेदन की फाइल नहीं मिलने की शिकायत की. जिस पर उन्होंने संबधित कर्मचारियों से इसकी वजह जानी, तो उन्होंने प्रकोष्ठ में लोगों के आने को वजह बताया. इसको देखते हुए उनकी जिम्मेदारी तय करने और फाइलों को सुरक्षित रखने के लिए निर्देश जारी किया गया. इससे एक सिस्टम विकसित होता.
आयुक्त ने कहा कि पार्षदों के अपमान का कोई मकसद नहीं था. इस आदेश का मतलब गलत निकाला गया है. इसको लेकर आयुक्त के खेद जताने के बाद पार्षद मान गए. आपको यहां ये भी बता दें कि जब एसडीएम शैलेश खैरवा को आयुक्त पद का कार्यभार मिला है. तब से समय-समय पर पार्षद उनके कार्यों को लेकर नाराजगी जताते रहे हैं.
रिपोर्टर- संदीप केड़िया
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