Jhunjhunu News: झुंझुनूं के डूंडलोद किले में इन दिनों यूके की पेशेवर इक्वाइन कलाकर मेडेलीन बनवरी अपनी दोस्त फ्रांसिस्का ट्रेपमेंन के साथ मारवाड़ी घोड़े की पेटिंग बनाने में जुटी हुई हैं. मेडेलीन अराउंड द वर्ल्ड इन 80 हॉर्सेस बुक्स के लिए पेंटिंग बना रही हैं.
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Jhunjhunu: झुंझुनूं के डूंडलोद किले में इन दिनों यूके की पेशेवर इक्वाइन कलाकर मेडेलीन बनवरी अपनी दोस्त फ्रांसिस्का ट्रेपमेंन के साथ मारवाड़ी घोड़े की पेटिंग बनाने में जुटी हुई हैं. मेडेलीन इन दिनों अराउंड द वर्ल्ड इन 80 हॉर्सेस बुक्स के लिए पेंटिंग बनाने में जुटी हुई हैं. इस बुक में पूरी दुनिया के अलग-अलग नस्ल के 80 घोड़ों को शामिल किया जाएगा.
मारवाड़ी घोड़े की यह 13वीं पेटिंग है. मेडेलीन बनवरी की दोस्त फ्रांसिस्का घोड़े का पूरा वीडियो शूट कर रही है. दोनों दोस्त डूंडलोद गढ़ में मारवाड़ी घोड़े राजदर्शन की फुल पेंटिंग व चंद्रवंश के चेहरे की पेंटिंग बना रही हैं. इस पेंटिंग की खास बात यह है कि पेटिंग के दौरान घोड़ा खड़ा रहता है और मेडेलीन बनवरी पेटिंग बनाती रहती हैं. मेडेलीन ने बताया कि मारवाड़ी घोड़े के बारे के बारे में पहले खूब जानकारी जुटाई व इस घोड़े के बारे में काफी रिसर्च किया. फिर मारवाड़ी घोड़े की तलाश शुरू की तो ठाकुर रघुवेंद्र सिंह डूंडलोद का नाम सामने आया. फिर उनकी बेटी मल्लिका सिंह से संपर्क किया.
तब मल्लिका सिंह ने पेटिंग बनाने पर सहमति प्रदान की. इसके बाद वह डूंडलोद आ गई. घोड़े की पेंटिंग में 10 दिन लगेंगे, वह करीब तीन घंटे रोज पेटिंग करती है. ठाकुर रघुवेंद्रसिंह ने बताया कि यूके के बेन चाइल्ड बुक लिख रहे हैं. इस किताब में पेटिंग आएगी और फ्रांसिस्का द्वारा ली जा रही फोटो उनकी हिस्ट्री सहित भी आएगी.
इस बुक की खासियत यह है कि घोड़ों की फोटों के साथ घोड़े की पेंटिंग भी आएगी. यह दोनों घुड़सवार है. पेटिंग की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. सुनैना मिश्रा ने बताया कि विश्वस्तर पर प्रकाशित होने वाली बुक में मारवाड़ी घोड़े को स्थान मिलना बहुत अच्छी बात है. इससे मारवाड़ी घोड़े की प्रसिद्धि बढ़ेगी.
80 घोड़ों की पेटिंग बनाने में करीब 20 साल लग जाएंगे. मेडेलीन ने बताया कि अब तक 12 घोड़ों की पेटिंग बना चुकी है. पेटिंग बनाने के बाद वह घोड़ों की पेटिंग इंस्टाग्राम व वेबसाइट पर डाल देती है. इस काम के दौरान लोग उन्हें अपने घोड़े की पेटिंग बनाने के लिए भी बुला लेते हैं. यह पेटिंग कभी खराब नहीं होगी. मेडेलीन ने सबसे पहले मारवाड़ी घोड़ा जयपुर में देखा था. हालांकि मेडेलीन ने शादियों में काम आने वाले घोड़ी की पेटिंग रूटीन में बनाई. मेडेलिन ने ब्रिटेन की महारानी के घोड़े की भी पेटिंग बनाई थी. मेडेलिन ने कहा कि मेरे लिए चुनौती है कि मैं अलग-अलग नस्लों के घोड़ों की पेटिंग बनाऊं.
मारवाड़ी घोड़े पेटिंग पर 5 लाख का खर्चा
रघुवेंद्रसिंह डूंडलोद ने बताया कि जो बन रही है पेटिंग उस पर लगभग 5 लाख रुपए का खर्चा हो जाएगा. साथ ही जो भी पेटिंग का समान है पूरा नीदरलैंड से आया है. यह पेटिंग केनवास कपड़े पर बनाई जा रही है. इस कपड़े की यह खास बात है कि यह पेटिंग कई वर्षों तक खराब नहीं होती है. केनवास का जो कपड़ा है. उसे पेटिंग के लिए ऑर्डर करके विशेष पेटिंग के लिए तैयार करवाया जाता है.